संभल में एएसआई टीम ने एक और तीर्थ का किया दौरा, भद्रकास तीर्थ में खींची तस्वीरें और बनाए वीडियो
Sambhal ASI Survey: संभल में गुरुवार को भी एएसआई की टीम ने स्थानीय प्रशासन के साथ महत्वपूर्ण स्थानों का सर्वे किया. एएसआई की टीम ने हातिम सराय में स्थित भद्रकास तीर्थ का निरीक्षण किया.
Sambhal News Today: उत्तर प्रदेश के संभल में प्रशासन और भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) की टीम लगातार प्राचीन स्मारकों की तलाश कर रही है. इसी क्रम में गुरुवार (26 दिसंबर) को एएसआई की टीम संभल के एक और प्राचीन तीर्थ स्थल पर पहुंची. इस दौरान जांच टीम के स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीमें भी मौके पर मौजूद थी.
दरअसल, यह जगह संभल के हातिम सराय में स्थित है. जो भद्रकास तीर्थ के नाम से मशहूर है. हातिम सराय स्थित प्राचीन भद्रकास तीर्थ का एएसआई और एसडीएम वंदना मिश्रा के साथ टीम ने बारीकी जांच पड़ताल की. वर्तमान में इस जगह पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है, जिसे टीम के पहुंचने पर सफाई की जा रही है.
प्राचीन भद्रकास तीर्थ में कई दीवारें पानी के अंदर हैं. जिसे मशीन के जरिये बाहर निकाला जा रहा है. इस ऐतिहासिक स्थल की दीवारें काफी चौड़ी हैं, पानी में होने की वजह से ईंट की दीवारें जर्जर हो गई हैं. जांच पड़ताल के दौरान पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग टीम ने मौके पर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी की.
कल भी ASI ने किया सर्वे
बता दें, इससे पहले बुधवार को भी एएसआई की टीम ने रानी की बावड़ी के साथ फिरोजपुर किले का सर्वे किया था. एएसआई की टीम ने जिले के आलाधिकारियों के साथ किले के अल-अलग हिस्से में जाकर सर्वे किया था. फिरोजपुर किले के गेट अतिक्रमण देखकर जिलाधिकारी राजेंद्र पैंसिया नाराज हो गए थे और उन्होंने मौके पर ही उसे ध्वस्त करा दिया था.
इसी तरह एएसआई की टीम ने चंदौसी क्षेत्र में स्थित पृथ्वीराज चौहान की बावड़ी और फिरोजपुर किले का निरीक्षण किया. जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि संभल एक प्राचीन नगर है जहां ऐतिहासिक अवशेषों का एक समृद्ध इतिहास है. इन धरोहरों को संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए एएसआई टीम का निरीक्षण किया गया.
संभल डीएम ने क्या कहा?
डीएम पेंसिया ने कहा कि फिरोजपुर किला पहले से ही एएसआई के संरक्षण में है, लेकिन आसपास के लोग अब भी किले में आते-जाते रहते हैं. इस समस्या को दूर करने के लिए एएसआई को किले की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है. डीएम ने बताया कि नीमसार का कुआं एक महत्वपूर्ण जल स्रोत है जिसकी गहराई में पानी मौजूद है. वहीं तोता-मैना की कब्र भी जीर्ण अवस्था में है जिसे संरक्षित करने की जरूरत है.
पृथ्वीराज चौहान द्वारा बनवाए गए राजपूत काल की बावड़ी का जांच करते हुए डीएम ने कहा कि ये बावड़ी बहुत सुंदर और भव्य है, लेकिन अब इसकी सुरक्षा और संरक्षण की आवश्यकता है. जिलाधिकारी पेंसिया ने कहा कि यदि इतिहास को संजोया नहीं जाएगा तो ये हमारे हाथ से निकल जाएगा. इतिहास को सुरक्षित रखना और इसके बारे में आने वाली पीढ़ियों को जानकारी देना बेहद जरूरी है.
ये भी पढ़ें: Hathras News: कृतार्थ हत्याकांड में पुलिस का नया खुलासा, मोबाइल के आदि 8वीं के छात्र ने ही की थी हत्या?