Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल में पड़ोसी की ज़मीन कब्जाने के लिए भाजपा नेता ने साजिश रच कर अपने ऊपर हमले की झूठी कहानी रची और कंधे में बुलेट फिट करा कर झूठा मुकदमा दर्ज कर निर्दोषों को पुलिस से जेल भिजवा दिया. जेल में बंद निर्दोषों की माँ इंसाफ के लिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से गुहार लगाई तो पुलिस ने दोबारा जांच शुरू की और निर्दोषों को जेल से रिहा करा कर साजिश रचने वाले भाजपा नेता और उसके साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. लेकिन अब सवाल यह उठ रहा है की पहले पुलिस ने कैसी जांच की थी जो निर्देशों को जेल भेज दिया था.


संभल के चंदौसी कोतवाली इलाके में 27 जुलाई की रात में भाजपा नेता प्रेम पाल ने पुलिस को सूचना दी थी. उन्होंने कहा था कुछ लोगों ने रास्ते में रोक कर उस पर हमला किया है. उसे गोली मारी गयी है. प्रेम पाल चंदौसी में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के नगर अध्यक्ष हैं. ये खबर सुनते हुए पुलिस हरकत में आई और भाजपा नेता को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया और दिलीप, हेमंत और श्यामलाल नाम के तीन हमलावरों को 29 जुलाई को गिरफ्तार कर पुलिस ने दावा किया कि इन लोगों ने भाजपा नेता प्रेम पाल पर हमला किया था, तीनो को पुलिस ने जेल भेज दिया.


भाजपा नेता और उसके साथी हुए गिरफ्तार
इसके बाद दिलीप और हेमंत की मां ने अधिकारियों से गुहार लगाई की उसके बेटे बेक़सूर हैं. लेकिन किसी ने उसकी न सुनी जिसके बाद उसने लखनऊ पहुँच कर यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मोर्य से इन्साफ की गुहार लगाई. उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर मामले की दोबारा जाँच पुलिस ने शुरू की और तीनो बेगुनाहों को जेल से रिहा कराते हुए भाजपा नेता प्रेम पाल और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार कर लिया. सीओ चंदौसी प्रदीप कुमार ने बताया की पहले दोबारा प्रेम पाल के भाई ने जो नामज़द शिकायत दर्ज कराई थी. उसमे तीन नामज़द आरोपियों जेल भेज दिया गया था.


जब तीन टीमों ने गहनता से जांच की तो पता चला की घायल भाजपा नेता प्रेम पाल ने ही खुद साजिश रची थी. भाजपा नेता ने अपने साथियों राहुल और जयवीर के साथ मिल कर दो कंपाउंडरों से अपनी पीठ में गोली का निशान बनवा कर उसमे गोली प्लांट की गयी थी. जब जांच में ये तथ्य सामने आये तो अदालत से नामजद किए दिलीप, हेमंत और श्यामलाल को अदालत की अभिरक्षा से जेल से मुक्त कराया गया. साजिश रचने वाले भाजपा नेता प्रेम पाल उसके साथी राहुल, आमिर और शराफ़त को न्यायलय से वारंट लेकर गिरफ्तार किया गया. वहीं अन्य आरोपी जयवीर की तलाश की जा रही है.


क्या बोले निर्दोष श्यामलाल
जेल से रिहा होने के बाद निर्दोष श्यामलाल ने बताया की वह 38 दिन बाद जेल से रिहा हुआ है 27 जुलाई की रात वह घर पर सो रहा था और पुलिस उसे उठा कर ले गयी थी पुलिस ने उसके साथ बदसलूकी की थी और उसके बाद दिलीप और हेमंत दोनों भाईयों को भी उनके घर से उठाया था और हम पर फर्जी तमंचे का केस बनाया था. मंत्री गुलाब देवी ने भी उनका फेवर किया और हम कोतवाली से लेकर सीओ और एसपी तक गये फिर लखनऊ गये. तब हम बाहर आये अब हम न्याय चाहते हैं और गलत लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए. 


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