Sambhal Chandausi News: उत्तर प्रदेश के संभल के चंदौसी में पिछले 1 हफ्ते से रानी की बावड़ी की खुदाई जारी है. ASI की टीम की निगरानी में खुदाई का काम चल रहा है और कोशिश की जा रही है कि बावड़ी की मूल संरचना बाहर आ सके. ऐसे में एबीपी न्यूज के हाथ रानी की बावड़ी की मूल संरचना की एक्सक्लूसिव तस्वीर लगी है. यह तस्वीर आज से 50 साल पुरानी बताई जा रही है.


तस्वीर में आज साफ देखा जा सकता है कि रानी की बावड़ी जो पिछले कुछ दशकों से जमींदोज थी, वो एक समय कितनी भव्य रही होगी. रानी की बावड़ी की इस 5 दशक पुरानी तस्वीर में देखा जा सकता है कि बावड़ी का प्रवेशद्वार कितना भव्य था और अनुमान के मुताबिक यह प्रवेश द्वार 20 फीट से भी ऊंचा था. साथ ही बावड़ी के प्रवेशद्वार पर इसका निर्माण करने वाली रानी सुरेन्द्र बाला का एक शिलालेख भी मौजूद था.


प्रवेश द्वार पर कई आले थे मौजूद 
5 दशक पुरानी बावड़ी की इस तस्वीर में प्रवेश द्वार पर कई आले मौजूद थे साथ ही बावड़ी के मुख्य द्वार पर एक फूल का चित्रण भी था. जिसे समय के साथ ना सिर्फ जमींदोज कर दिया गया बल्कि आरोपों के मुताबिक मिट्टी से पाट भी दिया गया . आज 1 हफ्ते के बाद बावड़ी की खुदाई में बावड़ी की लंबाई हर रोज अनुमान से परे बढ़ रही है और अब तो बावड़ी का एक बड़ा हिस्सा इलाके की सड़क के नीचे मिला है जिसके बाद प्रशासन ने सड़क को तोड़ दिया है.


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पिछले 21 दिसंबर को बावड़ी की खोज के लिए चंदौसी नगरपालिका की टीम ने स्थानीय निवासी कौशल किशोर की शिकायत के बाद खुदाई का काम शुरू किया था और अब जिस तरह से बावड़ी की मूल संरचना मिल रही है तो शिकायतकर्ता कौशल किशोर का दावा है कि बावड़ी के भीतर एक सुरंग भी है जो पास में ही बने बांके बिहारी मंदिर की तरफ जाती है. एबीपी न्यूज से बातचीत करते हुए कौशल किशोर ने कहा कि जिस तरह से बावड़ी की खोज चल रही है ऐस में कुछ दिनों में यह भी सामने आएगा कि इलाके के कई घर भी बावड़ी के ऊपर ही बने हैं. साथ ही कौशल किशोर के मुताबिक बावड़ी की लंबाई कम से कम 100 मीटर है.