संभल पुलिस चौकी मामले में असदुद्दीन ओवैसी को बड़ा झटका, डीएम राजेंद्र पेंसिया ने दावों का नकारा
उत्तर प्रदेश स्थित संभल में पुलिस चौकी को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस बीच डीएम राजेंद्र पेंसिया ने असदुद्दीन ओवैसी के दावों को खारिज कर दिया है.
Sambhal News: उत्तर प्रदेश स्थित संभल में शाही जामा मस्जिद के सामने बन रही पुलिस चौकी पर हैदराबाद से लोकसभा सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के दावों को बड़ा झटका लगा है. जिलाधिकारी संभल डॉक्टर राजेंद्र पेंसिया ने दावों को खारिज कर दिया है.
AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी द्वारा लगाए गए आरोपों पर संभल के डीएम राजेंद्र पेंसिया ने कहा, 'पुलिस चौकी का निर्माण नियमों के अनुसार किया जा रहा है. जहाँ अनुमति की आवश्यकता थी, वहाँ पत्र भेजे गए हैं. ज़मीन पर दावों का कोई वैध आधार नहीं है.'
ओवैसी ने किया था ये दावा
इसके अलावा डीएम राजेंद्र पेंसिया ने कहा, 'संभल को अक्सर शंभू का शहर कहा जाता है. यह तीन प्रमुख मंदिरों का घर है: चंद्रेश्वर, संभलेश्वर और भुनेश्वर. इनके बीच 19 कुएँ, 36 पुरानी बस्तियाँ, 52 सराय और 68 तीर्थ स्थल हैं. इन सभी को मिलाकर कुल 87 पवित्र स्थल हैं.'
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ओवैसी ने दावा किया था कि संभल की जामा मस्जिद के पास जो पुलिस चौकी बनाई जा रही है, वह वक्फ की जमीन पर है, जैसा कि रिकॉर्ड में दर्ज है. इसके अलावा, प्राचीन स्मारक अधिनियम के तहत संरक्षित स्मारकों के पास निर्माण कार्य प्रतिबंधित है. पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ संभल में खतरनाक माहौल बनाने के ज़िम्मेदार हैं.
ओवैसी ने कहा था कि यह वक्फ नंबर 39-A, मुरादाबाद है. यह उस ज़मीन का वक्फनामा है, जिस पर पुलिस चौकी का निर्माण हो रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार को क़ानून का कोई एहतराम नहीं है.
ओवैसी ने सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाते हुए कहा था कि वे संभल में एक ऐतिहासिक मस्जिद के पास पुलिस चौकी का निर्माण कर सकते हैं, लेकिन शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने में विफल रहते हैं.