Sambhal Survey: संभल में मिला 'मृत्यु कूप', स्कंद पुराण में भी है जिक्र, नक्शे में भी हुआ है ये दावा
UP News: संभल में 68 तीर्थों और 19 कूपों की खोज कर रही संभल प्रशासन को आज संभल में 19 कूपों में से एक मृत्यु कूप मिला है. ये कूप कई सालों पहले विलुप्त हो गया था. जिसे ढककर इस पर कूड़ा फेंका जा रहा था.
Sambhal News: यूपी के संभल में बीते 5 दिनों की खुदाई में अभी तक सबूतों के पड़ताल में मंदिर, कुआं और बावड़ी मिली है. अब संभल में शाही जामा मस्जिद से 280 मीटर दूर पर ही प्रशासन को संभल के 19 महत्वपूर्ण कूपों में एक मृत्यु कूप मिला है. दरअसल इलाके में कोट पूर्वी के पास में नगरपालिका की टीम कुएं की खुदाई कर रही थी, जहां उन्हें एक नया कूप मिला है. इस कूप का नाम मृत्यु कूप है, जो मृत्यु का कुआं कहा जाता है. संभल के 19 कूपों में से इसे एक कूप माना जाता है. ये कूप महादेव मंदिर के निकट स्थित है.
संभल में 68 तीर्थों और 19 कूपों की खोज कर रही संभल प्रशासन को आज संभल में 19 कूपों में से एक मृत्यु कूप मिला है. ये कूप कई सालों पहले विलुप्त हो गया था. जिसे ढककर इस पर कूड़ा फेंका जा रहा था. बता दे की ये ऐतिहासिक कूप शाही जामा मस्जिद से केवल 280 मीटर दूर पर स्थित है. कूप का वर्णन स्कंद पुराण में भी किया गया है.
स्कंद पुराण में कूप को लेकर क्या लिखा है?
स्कंद पुराण में संभल के इस मृत्यु कूप का जिक्र है. इस कूप के बारे में लिखा गया है कि, "विमलेशादुत्तरतः कूपो वै मृत्युसंज्ञकः, अत्र स्नात्वा महाकालार्चनं सकलसिद्धिदम्." अर्थात विमलेश के उत्तर में मृत्यु नामक एक कुआं है. यहां स्नान करने और महाकाल की पूजा करने से सभी सिद्धियां प्राप्त होती हैं. संभल के ऐतिहासिक नक्शे में भी इस कूप का जिक्र है. नक्शे में इसे हरि मंदिर से उत्तरी की ओर बताया गया है. ऐसे में सालों से बंद पड़े मृत्यु कूप को खोज कर प्रशासन ने खुदाई का काम शुरू करवा दिया है. कुएं के अवशेष मिलने के बाद से लोगों की भीड़ इसे देखने और पूजा करने के लिए आ रही है.
संभल में अबतक क्या-क्या मिला?
संभल में खोजबीन का यह सिलसिला सबसे पहले प्राचीन शिव मंदिर की खोज से शुरू हुआ. इस मंदिर में लंबे समय से पूजा पाठ बंद थी. हालांकि मंदिर मिलने के बाद उसकी साफ-सफाई कर पूजा अर्चना की गई. बाद में इस मंदिर का नाम संभलेश्वर मंदिर रखा गया. इसके बाद ही मंदिर के नजदीक से दो कुएं भी, जिसमें कई खंडित मूर्तियां मिली. कहानी यहीं खत्म नहीं होती है. इसके बाद मुस्लिम बहुल इलाके से राधा-कृष्ण का मंदिर मिला, जिसमें अब हिंदू समुदाय पूजा अर्चना कर रहा है. संभल में कुल 19 कूपों के बारे में जिक्र है. असल में 1978 के दंगे के बाद हिंदुओं का इस इलाके से पलायन शुरू हो गया था. जिसके चलते मंदिर खंडहर हो गए और कूपों को ढक दिया गया.
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