Sambhal Shahi Masjid Survey: संभल में हुए दंगे पर सपा के पूर्व सांसद डॉ एसटी हसन ने कहा है कि देखिये ये हमारी बदनसीबी है कि ऐसे हादसे हो रहे हैं.पहले भी सर्वे हुआ था जो शांतिपूर्ण तरीके से हो गया था, लेकिन अब ऐसा क्या हुआ.प्लेस ऑफ वर्कशीप एक्ट बना हुआ है, जिसमे 15 अगस्त 1947 में जिस धार्मिक स्थल की नॉययत उसे कोई बदल नहीं सकता है. मस्जिद को मंदिर नहीं बना सकते, उसमे बाबरी मस्जिद को भी जोड़ा गया था, एक दौर था इस्लाम के आने से पहले तमाम दुनिया में बूत परस्ती होती थी, हिंदुस्तान और एक दो मुल्क है जहां बुतपरस्ती है ,दुनिया में और कहीं भी बुतपरस्ती नहीं है.
पूर्व सपा सांसद ने धर्म के ठेकेदारों और सियासी लोगों से अपील की है कि इन हिंदुस्तान के लोगों को चैन से रहने दो,प्यार मोहब्बत से जीने दो, 3,000 मस्जिदें टारगेट पर हैं, इस तरह सर्वे होते रहेंगे तो हालात कहाँ से कहाँ पहुंचेंगे.
'हिन्दू भाइयों को आगे आना चाहिए'
उन्होंने यह भी कहा कि मैं हिन्दू भाइयों से अपील करूँगा कि उन्हें आगे आना चाहिए,देश के लिए खड़ा होना चाहिए.दूसरों की आस्थाओं को चोट पहुंचाकर सियासत का उल्लू सीधा किया जा रहा.एक वाक्या हुआ था बाबरी मस्जिद का वहां पर भी सर्वे हुआ था सर्वे में मस्जिद के नीचे मंदिर के कोई सबूत नहीं मिले थे, उसके बावजूद भी मंदिर बन गया,लोगों में ये गलतफहमी है कहीं 3,000 मस्जिदों के साथ ये न हो जाए.
'राजनीतिक लोगों के बहकावे में न आए'
पूर्व सांसद ने बताया कि लोगों में ये अफवाह फैल गयी कि सर्वे करने वाली टीम 4 बजे मस्जिद पहुंच गई, जबकि टीम 6 बजे पहुँची. जानकारी ये भी मिली है कि टीम ने मस्जिद के इमाम साहब से बदतमीजी की उसके बाद इस अफवाह की वजह से ये बवाल हुआ. संभल के लोगों से अपील की है कि छुरी खरबूजे पर गिरे या खरबूजा छुरी पर गिरे कटना खरबूजे को ही है, राजनीतिक लोगों के बहकावे में न आए.
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