'पत्थर से क्यों भाग रही है पुलिस...', संभल में जामा मस्जिद के पास हुए पथराव को लेकर बोले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद
संभल की जामा मस्जिद के सर्वेक्षण में हुई हिंसा पर शंकराचार्य ने कहा कि विरोध करना गलत नहीं है, लेकिन पत्थरबाजी ठीक नहीं. पुलिस का रवैया ढीला रहा और जानबूझकर इस मामले को राजनीतिकरण किया जा रहा है.
Sambhal Masjid News: उत्तर प्रदेश स्थित संभल के जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान मचे बवाल पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि किसी भी बात का विरोध करना गलत नहीं है लेकिन आप पत्थर मार कर विरोध करेंगे यह गलत है. न्यायालय में विरोध कीजिए. उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन का रवैया ढीला रहा है. पुलिस क्यों भाग रही है, क्यों कठोर कार्रवाई नहीं कर रही है. पत्थर से पुलिस क्यों भाग रही है.
शंकराचार्य ने यह भी कहा कि जानबूझकर इस मामले पर पुलिस को आगे करके राजनीतिकरण किया जा रहा है. जब 15 मिनट की उन्होंने बात कही थी तो हमने कहा था कि आ जाओ कौन सा मैदान है, कौन सी तारीख है. अभी तक कोई मैदान में नहीं आया वह सिर्फ बातें करते हैं. वह भी अपनी ताकत को जानते हैं और हम भी अपनी ताकत को जानते हैं.
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने संभल की घटना को लेकर कहा कि - किसी भी बात का विरोध करना गलत नहीं है. लेकिन आप पत्थर मारकर विरोध करेंगे यह बिल्कुल गलत है. न्यायालय में विरोध करिए अपना पक्ष रखिए. वहीं उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन का इस मामले पर ढीला रवैया रहा. पुलिस क्यों भाग रही है. क्यों इस मामले पर कठोर कार्रवाई नहीं कर रही है. पत्थर से आखिर में क्यों पुलिस भाग रही है. जानबूझकर इस मामले में पुलिस को आगे करके राजनीतिकरण किया जा रहा है. जबकि उत्तर प्रदेश की पुलिस हर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरी तरह सक्षम है. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा की - धार्मिक मामले को लेकर कुछ लोगों द्वारा बयान बाजी की गई थी. लेकिन जब 15 मिनट की उन्होंने बात की थी तो हमने भी कहा था कि आ जाओ कौन सा मैदान है, कौन सी तारीख है. अभी तक कोई मैदान में नहीं आया. वह सिर्फ बातें करते हैं. वह अपनी ताकत को जानते हैं, और हम भी अपनी ताकत को समझते हैं.
मस्जिद के सर्वे के दौरान स्थिति बिगड़ गई
संभल जिले स्थित शाही जामा मस्जिद के रविवार को सर्वे के दौरान भारी बवाल हो गया. इस दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर पथराव किया और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा. जानकारी के अनुसार, जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान स्थिति बिगड़ गई और हिंसा फैल गई.
मौके पर संभल के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौजूद थे, लेकिन फिर भी माहौल बिगड़ता चला गया. पुलिस द्वारा किए जा रहे सर्वे के खिलाफ स्थानीय लोगों ने रोष जताया. इसी बीच, हिंसक झड़पें शुरू हो गईं. भीड़ ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया और साथ ही फायरिंग भी की गई. इस बीच, पुलिस को खुद को बचाने और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. फायरिंग और पथराव के बीच पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिससे पूरे इलाके में तनाव का माहौल बन गया.
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