काशी मथुरा की तर्ज पर रात में जामा मस्जिद का हुआ सर्वे, जमा हुई भीड़, जानिए क्या है दावा
शाही जामा मस्जिद की जगह मंदिर होने का दावा हिन्दू पक्ष पेश ने किया है. इस दावे पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जामा मस्जिद के सर्वे कराकर 7 दिनों में रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है.
UP News: काशी मथुरा के बाद अब उत्तर प्रदेश के संभल की शाही जामा मस्जिद की जगह मंदिर होने का दावा हिन्दू पक्ष पेश ने किया है. इसको लेकर अदालत में याचिका दाखिल की गई है. संभल जिले की जामा मस्जिद की जगह हरि हर मंदिर होने का दावा जिला कोर्ट में पेश किया गया है, जहां हिन्दू पक्ष की ओर से दायर याचिका में जामा मस्जिद के सर्वे कराने का आदेश दिया गया है. अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने ये दावा पेश किया है.
कोर्ट से सर्वे का आदेश होते ही रात में पुलिस फोर्स के साथ 2 घंटे तक शाही जामा मस्जिद का सर्वे किया गया. इस दौरान शाही जामा मस्जिद के आसपास भीड़ इकट्ठा हो गई और नारेबाजी करने लगी. आक्रोशित भीड़ को जामा मस्जिद कमेटी के लोगों ने समझा कर शांत किया और टीम को जामा मस्जिद का सर्वे कराया. इस दौरान सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क भी मौजूद रहे.
क्या बोले सपा सांसद
कोर्ट ने 7 दिन के अंदर सर्वे कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है. जामा मस्जिद के सर्वे पर सपा सांसद और शाही जामा मस्जिद कमेटी के लोगों का कहना था कि टीम को सर्वे में कोई भी चीज या निशान ऐसे नहीं मिले हैं जो आपत्तिजनक हो या किसी मंदिर के होने का निशान हो. सपा सांसद ने कहा कि बाहर से आये कुछ लोग संभल का माहौल खराब करना चाहते हैं. हम सदियों से यहां हिंदू मुसलमान आपस में मिलजुल कर रहते हैं. कुछ लोग देश का माहौल खराब करना चाहते हैं. हम उनके खिलाफ हैं, हम नहीं चाहते कि देश का माहौल खराब हो.
संभल शहर के मध्य में स्थित जामा मस्जिद मुस्लिम समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है. इसका निर्माण मुगल काल के दौरान हुआ था. हालांकि, इसके निर्माण के ठीक समय और अन्य विवरणों के बारे में कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है. लेकिन यह माना जाता है कि इसका निर्माण पूरे उत्तर भारत पर मुगल साम्राज्य के शासन के दौरान 15 वीं शताब्दी के आस-पास हुआ होगा.
क्या बोले हिंदू पक्ष के वकील
संभल की जामा मस्जिद में समय के साथ कई बदलाव हुए हैं क्योंकि इसकी संरचना का जहां कई बार मरम्मत का सामने करना पड़ा है तो वहीं कई बार इसका पुनर्निर्माण भी किया गया है. इसके बावजूद मस्जिद ने अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को नहीं खोया है. संभल जिला अदालत के आदेश के बाद हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि संभल में जो हरि हर मंदिर है. वह हिंदुओं की आस्था का केंद्र है और हिंदू मानते हैं कि भगवान कल्कि का अवतार यहीं पर होना है.
उन्होंने बताया कि 1529 में बाबर ने इस पर मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाने की कोशिश की थी. आज उसी के लिए हमने दावा पेश किया था. यह ASI संरक्षित जगह है यहां किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता है. वहां पर अभी भी बहुत से चिन्ह और निशान हैं जो हिन्दू मंदिर, हरिहर मंदिर के हैं. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए आज सिविल जज सीनियर डिवीजन संभल ने यह आदेश पारित किया है.
वकील ने बताया कि वहां पर एडवोकेट कमीशन जारी हो और एडवोकेट कमीशन वहां पर सर्वे कर वीडियो ग्राफी फोटो ग्राफी के माध्यम से कोर्ट के समक्ष अपनी रिपोर्ट दाखिल करें. न्यायालय के आदेश के अनुसार हम आगे बढ़ेंगे. इसमें यूपी सरकार पार्टी है और संबंधित जामा मस्जिद कमेटी पार्टी है.
जानिए कौन हैं विष्णु शंकर जैन
गौरतलब है कि विष्णु शंकर जैन वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन के पुत्र हैं. यह पिता-पुत्र की जोड़ी श्रीकृष्ण जन्मभूमि, ज्ञानवापी शृंगार गौरी समेत 110 मामलों की पैरवी कर रही है. विष्णु शंकर जैन अपने पिता की तरह ही वकालत कर रहे हैं. विष्णु शंकर जैन ने 2010 में बालाजी लॉ कॉलेज से डिग्री हासिल की थी. इसके साथ ही इन्होंने अपने वकालत करियर की शुरूआत विश्व प्रसिद्ध श्रीराम जन्मभूमि केस से की थी.
इस केस के अलावा पिता-पुत्र की इस जोड़ी ने 2021 में ज्ञानवापी मस्जिद, श्री कृष्ण जन्मभूमि, ताजमहल के पूर्व शिवमंदिर होने का दावा, वर्शिप एक्ट और वक्फ एक्ट 1995 को भी चुनौती देते हुए कोर्ट में वाद दायर किए हुए हैं. अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ही अब संभल की जामा मस्जिद पर हरि हर मंदिर होने का दावा जिला कोर्ट में पेश किया है और कोर्ट ने जामा मस्जिद के सर्वे के आदेश दे दिए हैं.
कोर्ट के आदेश की खबर पता चलते ही संभल में जामा मस्जिद के पास मुस्लिम समुदाय के लोगों की भीड़ जमा हो गयी, जिसके बाद इलाके में पुलिस फोर्स बढ़ा दिया गया है. डीएम और एसपी ने मौके पर पहुंच कर हालात का जायजा लिया इस बीच सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क़ भी शाही जामा मस्जिद पहुंचे.