Exclusive: संभल की शाही मस्जिद–हरिहर मंदिर के विवाद में शुक्रवार को एक अहम खुलासा हुआ है, जिसमें भारतीय पुरातत्व विभाग ने जामा मस्जिद कमेटी पर विवादित ढांचे की मूल संरचना के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है. ASI के मुताबिक ढांचे में बिना ASI की अनुमति के प्लास्टर किए गए, रंग रंगाया गया और कई अन्य छेड़छाड़ की जिससे ढांचे की मूल संरचना प्रभावित हुई है.
ASI के दावे के इतर एबीपी न्यूज के पास भी विवादित ढांचे की पुरानी तस्वीरें मौजूद हैं, जिसमें ASI के आरोप पर मुहर लग रही है. ये ढांचे के पश्चिमी ओर की पुरानी तस्वीर है, जिसमें जहां पहले कुआं हुआ करता था उसे अब ढाक दिया गया है. साथ ही पुरानी तस्वीर में विवादित ढांचे में तीन खिड़कियां और उसके ऊपर नक्काशी थी, जिसमें खिड़की और नक्काशी को ईंट और प्लास्टर से ढक दिया गया है.
प्रवेश द्वार और खंभों पर छेड़छाड़
पश्चिमी द्वार पर जहां दो खंभों पर बनी आकृति पर पहले कुछ भी नहीं लिखा था लेकिन अब इस पर उर्दू में लिख हुआ. एक काले रंग का शिलालेख चिपका दिया गया है. इसी तरह प्रवेश द्वार के पास बने घुमावदार द्वार पर पहले कुछ नहीं लिखा था, लेकिन अब सफेद रंग का उर्दू के लिखा शिलालेख चिपका हुआ है.
इसी तरह पूर्वी भाग पहले टीले के ऊपरथा और प्राचीन था लेकिन अब यहां पर टीले के ऊपर तहखाने बनाए गए जो बंद हैं और बाकी की दीवार को नवीनतम प्लास्टर और पेंट से बदला गया है. इसके अलावा आसपास दुकानें भी बना दी गई हैं. एबीपी न्यूज के साथ बातचीत करते हुए भारतीय पुरातत्व विभाग (Archeological Survey of India) के वकील विष्णु शर्मा ने मस्जिद कमेटी पर आरोप लगाया कि मस्जिद कमेटी ASI को ना ही मस्जिद में घुसने देती है और ना ही मुआयना करने देती है.
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क्या है वकील का दावा
साथ ही ASI के वकील ने बताया कि साल 2018 में मस्जिद कमेटी ने बिना ASI की अनुमति के सीढ़ियों पर रेलिंग बनवा दी थी, जिसके खिलाफ ASI ने मस्जिद कमेटी पर मुकदमा दर्ज कराया था. हालांकि ASI के आरोपों को मस्जिद कमेटी ने खारिज कर दिया और मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली ने दावा किया कि ASI के अधिकारी पिछले 6 साल में 2 बार आए हैं और छेड़छाड़ की बात झूठ है.