संभल: ASI ने नहीं किया कोई सर्वे, नए मिले मंदिर समेत कई जगह गई ये टीम, किसी को नहीं लगी भनक
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी Archaeological Survey of India (ASI) की किसी टीम ने संभल में सर्वे नहीं किया है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण केंद्र सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है.
Sambhal Mandir: संभल में 'कल्कि विष्णु' मंदिर परिसर में एक पुराने कुएं का निरीक्षण बीते दिनों हुआ है. इसके अलावा हाल ही में खोज गए एक मंदिर का भी सर्वेक्षण किया गया है. हालांकि यह सर्वेक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम द्वारा नहीं किया गया है बल्कि यहां जो 4 सदस्य टीम सर्वे करने आई थी वह लखनऊ पुरातत्व निदेशालय से आई थी.
जो टीम संभल में सर्वे करने आई थी उसमें उत्तर प्रदेश पुरातत्व निदेशालय लखनऊ से राम विनय, उत्खनन एंव अन्वेषण अधिकारी, डॉ कृष्ण मोहन दुबे सहायक पुरातत्व अधिकारी, अनिल कुमार सिंह सर्वेक्षक और हिमांशु सिंह आ0 सो0 कर्मचारी शामिल थे. संभल में जो सर्वे हुआ है वह उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग ने किया है.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी Archaeological Survey of India (ASI) की किसी टीम ने संभल में सर्वे नहीं किया है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण केंद्र सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है. जबकि उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग यूपी सरकार के अधीन कार्य करता है. हालांकि इससे पहले कई रिपोर्ट्स में ASI द्वारा सर्वे कराने का दावा किया गया.
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क्या बोले मंदिर के पंडित
दूसरी ओर प्राचीन ‘कल्कि विष्णु' मंदिर के पंडित महेंद्र प्रसाद शर्मा ने कहा कि यह अच्छी बात है कि सर्वेक्षण टीम यहां आई है. शर्मा ने कहा, 'यहां एक 'कृष कूप' (कुआं) है. यह बंद नहीं है, लेकिन इसमें पानी नहीं है. इस कुएं का वर्णन स्कंद पुराण में भी है, संभल के सभी तीर्थ स्थलों का वर्णन स्कंद पुराण में है, और स्कंद पुराण के वराह खंड में भी कल्कि मंदिर का पूरा वर्णन है, यह कुआं मंदिर परिसर के अंदर ही है, यह पुरानी बाउंड्री के अंदर था.'
संभल की उपजिलाधिकारी वंदना मिश्रा ने बताया, ‘‘राज्य पुरातत्व विभाग की एक टीम 'प्राचीन कल्कि विष्णु' मंदिर आई थी. यहां एक 'कृष्य कूप' है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह एक प्राचीन कुआं है. टीम वहां करीब 15 मिनट तक रुकी और उन्होंने मंदिर का भी दौरा किया.’’ संभल के जिलाधिकारी (डीएम) राजेंद्र पेंसिया ने शुक्रवार को बताया था कि चार सदस्यीय टीम ने सुबह सर्वेक्षण शुरू किया. यह सर्वेक्षण दोपहर साढ़े तीन बजे तक जारी रहा.