आजादी के 77 सालों में बदल गई संभल की डेमोग्राफी, इतनेे प्रतिशत कम हो गई हिन्दुओं की आबादी
Uttar Pradesh स्थित संभल इन दिनों सुर्खियों में है. इसकी पहली वजह है संभल की जामा मस्जिद और दूसरी बीते दिनों 46 साल बाद खुला मंदिर.
Sambhal Population: उत्तर प्रदेश स्थित संभल में दो अहम घटनाओं की वजह से चर्चा में है. पहली तो 19 नवंबर को पहली बार जामा मस्जिद के हुए सर्वे की वजह से और दूसरा बीते दिनों श्री कार्तिकेय महादेव मंदिर के पट 46 साल बाद खुलने की वजह से. 46 साल बाद खुले इस मंदिर की वजह से इतिहास के कई पन्ने अब पलटे जा रहे हैं.
लोगों के जेहन में अब साल 1978 के दंगे की भी यादें ताजा हो रहीं हैं. इस पर सियासत भी हो रही है. विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि साल 1978 के दंगों की वजह से 184 हिन्दुओं की मौत हुई थी. हालांकि उस वक्त की मीडिया रिपोर्ट्स की ओर झांकें तो पता चलेगा कि सरकारी आंकड़ा 16-25 लोगों का था. संभल में समाजवादी पार्टी के विधायक इकबाल महमूद भी सीएम योगी के दावे से इत्तफाक नहीं रखते. सीएम ने जब सदन में आंकड़ा पेश किया तो महमूद ने तत्काल कहा कि अगर उनका दावा सच हुआ तो वह खुद अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
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इन सबके बीच जिले की आबादी की भी चर्चा हो रही है. एक आंकड़े के अनुसार सन् 1947 में संभल में 55 फीसदी मुसलमान और 45 फीसदी हिंदू थे. अब संभल में मुस्लिम आबादी 85 फीसदी और हिंदू आबादी 15 फीसदी रह गई. संभल में हुए अलग अलग सांप्रदायिक दंगों में अबतक 209 हिंदुओं की मौत हुई और 4 मुस्लिम मारे गए.
24 नवंबर को हुआ था सर्वे
बता दें 24 नवंबर की सुबह कोर्ट के निर्देश पर टीम सर्वे करने पहुंची थी. उसी दौरान भीड़ ने बवाल किया, हिंसा हुई और गोलियां चली. हिंसा में 4 लोगों की मौत हुई, पुलिस ने कहा आपसी गोलीबारी में जान गई. लोगों ने पुलिस पर गोली चलाने के आरोप लगाए. पुलिस की जांच में विदेशी हथियार के इस्तेमाल होने की बात सामने आई. हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है.
इसी कार्रवाई के दौरान पुलिस संभल की गलियों से अतिक्रमण हटा रही है. कार्रवाई के दौरान प्रशासन अवैध बिजली कनेक्शन की जांच कर रहा था. जांच के दौरान ही शनिवार की दोपहर को संभल के खग्गू सराय इलाके में 46 साल से बंद पड़ी मंदिर मिली. 24 नवंबर को जहां हिंसा हुई थी उस जगह से मंदिर करीब एक किलोमीटर दूर है.मंदिर को लेकर अब प्रदेश की सियासत में नया शोर है.. फिलहाल प्रशासन के निर्देश के बाद पूजा पाठ की शुरुआत हो चुकी है.