Sambhal News Today: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार (24 नवंबर) को कोर्ट के आदेश पर सुबह जामा मस्जिद का टीम सर्वे करने पहुंचीं. इसके बाद बवाल हो गया और लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी. मुरादाबाद कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह और संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने इस हिंसा को शांति भंग करने की साजिश करार दिया.
इस घटना में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 25 पुलिसकर्मी घायल हो गए. हिंसा के दौरान भीड़ ने कई गाड़ियों में आग लगा दी. संभल हिंसा में घायल दो लोगों को जिला अस्पताल मुरादाबाद में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है.
'पुलिस ने नहीं चलाई गोली'
इस बीच तीन लोगों की मौत के बाद मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने घटना को लेकर बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा, "पुलिस की तरफ से कोई गोली नहीं चलाई गई है और कुछ लोग अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे हैं." कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने कहा, "आगे पोस्टमार्टम होगा तो स्थिति स्पष्ट हो जाएगी."
मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने आश्वासन दिया कि "जिस किसी ने भी संभल की शांति व्ययवस्था को भंग करने की कोशिश की है, उसको किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. चाहे वह किसी भी बड़े पद पर क्यों ना हो." उन्होंने कहा, "कानून सभी के लिए बराबर है."
मुरादाबाद कमिश्नर ने किया ये दावा
संभल हिंसा को लेकर मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने दावा करते हुए कहा, "यहां जानबूझकर शांति व्ययवस्था को भंग करने की कोशिश की गई. युवाओं को आगे किया गया, जिससे बाद में यह कहा जा सके की युवाओं का भविष्य बर्बाद किया जा रहा है."
कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने कहा, "अदालत के आदेश पर मौके पर सर्वे के लिए टीम गई थी, इस दौरान वहां पुलिस पर पत्थरबाजी हुई. यह पत्थरबाजी उकसावे के साथ हुई थी, जैसे किसी ने उनको उकसाया हो." उन्होंने बताया कि पत्थरबाजी की घटना में करीब 20 से 25 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
हिंसा में शामिल 21 लोग गिरफ्तार
इस संबंध में संभल एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि संभल की घटना में तीन लोगों की मौत हो चुकी है. पुलिस ने मौके पर स्थिति को संभालते हुए अब तक 21 लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें 19 पुरुष और 2 महिलाएं शामिल हैं. उन्होंने कहा कि जो भी इस हिंसा में शामिल हैं, उनके खिलाफ रासुका लगाया जाएगा.
एसपी संभल कृष्ण कुमार ने दावा किया कि हिंसा के बाद जांच में कई लोगों के पास अवैध हथियार मिला था, जिसे जब्त कर लिया गया है. उन्होंने कहा,"ये घटना इंटेलिजेंस का फेलियर नहीं है. इससे पहले जुमा की नमाज शांतिपूर्वक हुई थी."
संभल पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने अपनी पीठ थपथपाते हुए कहा, "इससे पूर्व जामा मस्जिद में पहला सर्वे शांतिपूर्वक हुआ था. हालांकि आज की घटना के बाद संभल पुलिस ने पूरी मुस्तैदी के साथ हिंसा को संभाला है."
ये अधिकारी हुए हैं घायल
एसपी कृष्ण कुमार ने बताया कि संभल हिंसा में 20 से 25 पुलिस वाले घायल हो गए हैं, जिनमें एक सीओ, एक एसडीएम, एक एसएसपी के पीआरओ घायल हैं. उन्होंने कहा, "पुलिस ने कोई गोली नहीं चलाई है. उपद्रवियों की तितर बितर करने लिए रबर बुलेट और आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया था."
संभल एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई, जिनकी शिनाख्त बिलाल, नईम और कैफ के रुप में हुई है. उन्होंने कहा, "उपद्रवियों की मौत आपसी फायरिंग में हुई है."
घटना की क्या है वजह?
दरअसल, कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी महाराज ने दावा किया है कि संभल की जामा मस्जिद कथित तौर पर हरिहर मंदिर है. ऋषिराज गिरी महाराज ने इसको लेकर बीते दिनों सिविल कोर्ट में याचिका दायर कर सर्वे कराने की मांग की थी. इस याचिका पर कोर्ट ने सात दिनों के भीतर सर्वे रिपोर्ट पेश करने को कहा था.
इसी कड़ी में कोर्ट के आदेश पर रविवार को सुबह में सर्वे के लिए टीम जामा मस्जिद पहुंची. सर्वे टीम को देखकर लोगों की भीड़ मौके पर इकट्ठा होने लगी. अधिकारियों के मुताबिक, सर्वे का काम ठीक ढंग से चल रहा था. इसी दौरान मस्जिद के बाहर पहुंची भीड़ ने अचानक पथराव कर दिया. जिससे मौके पर अफर तफरी मच गई.
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