कांग्रेस नेता लाए साथ, संभल हिंसा के मृतकों के परिजनों से राहुल गांधी ने दिल्ली में की मुलाकात
उत्तर प्रदेश स्थित संभल में बीते दिनों हुई हिंसा में मारे गए चार युवकों के परिजनों से राहुल गांधी ने दिल्ली में मुलाकात की. मृतकों के परिजनों को कांग्रेस नेता अपने साथ दिल्ली लेकर आए.
Sambhal News: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश स्थित संभल में बीते दिनों हुई हिंसा में मारे गए युवकों के परिजनों से मुलाकात की. यह मुलाकात राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई.
जानकारी के अनुसार बिलाल, रूमान, अयान और कैफ के परिवार वालों को कांग्रेस नेता रिजवान कुरैशी, सचिन चौधरी और प्रदीप नरवाल, संभल से दिल्ली लेकर पहुंचे हैं. संभल में 24 नवंबर को हिंसा में मारे गए चारो युवकों के परिजनों से मिलने के लिए बीते दिनों राहुल गांधी जिले का दौरा करने जा रहे थे हालांकि उन्हें गाजीपुर बॉर्डर पर यूपी पुलिस ने रोक दिया था.
संभल से आए लोगों की राहुल की मुलाकात के बाद सहारनपुर से सांसद इमरान मसूद ने कहा कि सभी के घरों से लोग आए थे. सभी ने इंसाफ की मांग की है. राहुल गांधी ने उन्हें इंसाफ का भरोसा दिया है. यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी संभल जाएंगे, इमरान ने कहा कि राहुल-प्रियंका का नंबर पीड़ितों को दिया है.
इमरान मसूद ने कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से इत्मिनान, सुकून से मुलाकात की. सभी लोग शाम 4.30 बजे करीब आए थे. उनकी मुलाकात हुई और फिर वो चले गए.
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संभल हिंसा में कई घायल
संभल में पिछली 19 नवंबर को एक स्थानीय अदालत द्वारा मुगल कालीन शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण कराए जाने का आदेश दिए जाने के बाद से तनाव की स्थिति थी. उसके बाद 24 नवंबर को मस्जिद के दूसरे सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क गई थी जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी तथा अनेक अन्य घायल हो गए थे.
उधर संभल जिले की जामा मस्जिद के सर्वेक्षण की रिपोर्ट सोमवार को एडवोकेट कमिश्नर के खराब स्वास्थ्य के कारण अदालत में पेश नहीं की जा सकी. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.एडवोकेट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने बताया कि उनका स्वास्थ्य खराब होने के कारण सर्वे रिपोर्ट दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत में नहीं पेश की जा सकी.
राघव ने अदालत में एक अर्जी दाखिल कर रिपोर्ट पेश करने के लिए 15 दिन का और समय मांगा, जिसे मंजूर कर लिया गया.उन्होंने बताया कि अदालत ने अर्जी पर विचार करते हुए कहा कि सर्वेक्षण रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर दायर की जाए.राघव ने कहा, “मैंने अदालत से 15 दिनों का समय मांगा था लेकिन मेरी अर्जी को ‘कीप ऑन फाइल’ के रूप में चिह्नित किया गया.