Sambhal News: उत्तर प्रदेश स्थित संभल में हरिहर मंदिर का सच सर्वे रिपोर्ट में कैद है लेकिन उससे पहले ही 13 दिसंबर को संभल में शिव मंदिर मिला और आज मां पार्वती की खंडित प्रतिमा कुंए से बरामद हुई. हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियों ने संभल के इतिहास के पन्नों को दोबारा खोल दिया है. संभल से हिंदुओं के पलायन से लेकर, दंगों की कई दर्दनाक कहानियां फिर से जिंदा हो गई.


मंदिर में बीते दो दिनों से यहां भगवान शिव और हनुमान की पूजा हो रही है. महिलाएं कीर्तन कर रही हैं.भक्तों की लंबी लंबी कतार लगी है.दूर दूर से कोई जल तो कोई दूध चढ़ाने यहां पहुंच रहा है.46 साल से नजरबंद इस मंदिर के ताले सनातनियों के लिए खुले हैं.
 
सोमवार , 16 दिसंबर को मां पार्वती की ये मूर्ति संभल के उस कुएं से निकली है जिसकी खुदाई की गई. मंदिर के पास ही कुआं है. जिसमें से मां पार्वती पार्वती और गणेश जी के साथ कई और मूर्तियां मिली हैं.


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इस संदर्भ में एडिशनल SP शिरीष चंद ने कहा कि मूर्ति गणेश जी है जिसे संरक्षित कर लिया गया है. मूर्ति की जांच कराई जाएगी. कुएं की खुदाई वाले एरिया का घेराव किया जाएगा..


अब समझिए कि आखिर संभल में ये कुंआ ये मंदिर का रहस्य कैसे खुला.


शनिवार को बिजली चोरी का पता लगाने प्रशासन की टीम संभल शहर के खग्गू सराय मोहल्ले में पहुंची थी. मोहल्ला मुस्लिम बहुल है. पुलिस और प्रशासन ने सावधानी के साथ बिजली चोरी की जांच शुरू की तो जर्जर अवस्था में मौजूद मंदिर पर नजर पड़ी. फिर गोटे खोले गए तो मंदिर में साक्षात हनुमान जी की प्रतिमा मिली और शिवलिंग स्थापित था.


ये तस्वीरें जब वायरल हुई तो यहां से पलायन कर चुके हिंदू अपने पुराने मंदिर के दर्शन के लिए लौटे. तब बातों बातों में कुएं का जिक्र सामने आया. जिसकी खुदाई शुरू की गई. डीएम राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि  कार्तिक महादेव मंदिर के पास कूप भी मिला है. जितने भी मंदिर होते थे उसके साथ में जल का केंद्र होता था तो उसी के अंतर्गत ये दोनों मिले.


46 साल बाद मंदिर के पट खुले
बताया जाता है कि कुछ दशकों पहले तक खग्गू सराय मोहल्ले में हिंदू परिवारों की तादाद काफी थी. लगातार दंगे और सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं के बाद हिंदू आबादी ने यहां पलायन कर लिया. दावा है कि यहां सनातनी परंपरा के कई और साक्ष्य मौजूद है.


प्रशासन का कहना है कि संभल के इतिहास में कुल 19 कुओं का जिक्र होता है इसलिए अलग अलग इलाकों जो संदिग्ध लगेगा उस पर कार्यवाई की जाएगी. संभल प्रशासन 19 कुओं को खोजने में जुटा हुआ है और उसी तहत इस कार्यवाई को देखा जा रहा है.


साल 1978 में संभल में हुए दंगों के बाद कार्तिक महादेव का मंदिर बंद पड़ा था. 46 साल बाद मंदिर के पट खुले हैं, जिसने इतिहास के उन पन्नों को पलट दिया है जहां हिंदुओं के पलायन, उत्पीड़न और दर्द के न जाने कितने किस्से दबे हुए हैं. 


आखिरी 1978 में ऐसा क्या हुआ था?
संभल में मंदिर और कुआं मिलने के बाद 46 साल पुराना इतिहास लोगों की आंखों के सामने है. अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिरी 1978 में ऐसा क्या हुआ था?


बता दें साल 1978 में संभल में सबसे बड़ा दंगा हुआ था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 16-25 लोगों की मौत हुई थी. स्थानीय हिंदू समुदाय के लोगों को खग्गू सराय से विस्थापित होना पड़ा. 1978 से पहले इलाके में 25-30 हिंदू परिवार रहते थे. कार्तिक शिव मंदिर भी साल 1978 से बंद पड़ा था. 


संभल के इसी इतिहास को सीएम योगी ने विधानसभा पटल पर रखा और विपक्ष पर एक के बाद एक जुबानी तीर छोड़े. सीएम ने सदन में जो आंकड़ा पेश किया उसको लेकर अब विवाद हो रहा है. लेकिन सीएम योगी के इन आंकड़ों से समाजवादी पार्टी इत्तेफाक नहीं रखती. समाजवादी पार्टी के स्थानीय विधायक इकबाल महमूद कह रहे हैं सीएम जो आंकड़ा पेश कर रहे हैं वो गलत है.


सीएम ने कहा था कि 1947 से ही संभल में दंगों का इतिहास है. हिंदुओं को जलाया गया था मारा गया था 1978 में 184 हिंदुओं के साथ हत्या हुई थी.संभल में 1947 से लेकर अब तक 209 हिंदुओं की हत्या हुई है .


सीएम के इस दावे पर संभल से सपा विधायक इकबाल महमूद ने कहा कि CM योगी जो आंकड़े पेश कर रहे हैं वो सही नहीं बोल रहे है मैंने सदन में भी बोला कि CM के आंकड़े अगर सही होंगे तो मैं इस्तीफ़ा दे दूंगा


कब चर्चा में आया संभल?
संभल में सर्वे के बाद हुई हिंसा पर सियासत पहले से तेज है और अब शिव मंदिर मिलने के बाद इस मुद्दे को नई धार मिल गई है.. सीएम योगी ने विधानसभा में आज संभल पर विस्तार से बात की. सपा चीफ अखिलेश यादव लखनऊ में नहीं थे लेकिन बावजूद इसके वो संभल पर सियासी पलटवार से नहीं चूके. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कोई अभियान चलाया जाएगा तो कहीं भी मंदिर मिल सकता है.


संभल चर्चा में आया पिछले महीने की 19 तारीख को. जब स्थानीय अदालत ने संभल की जामा मस्जिद में सर्वे के आदेश दिये. आरोप ये था कि जामा मस्जिद हरिहर मंदिर को तोड़कर बनी है.