संभल हिंसा पर पाकिस्तानी मौलवी से सवाल पूछने वाले युवक को पुलिस ने किया गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश स्थित संभल में हिंसा के बाद पाकिस्तानी मौलवी से सवाल करने वाले युवक को जिला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

Sambhal News: उत्तर प्रदेश स्थित संभल में 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा के बाद पाकिस्तानी मौलवी से वीडियो चैट पर सवाल करने वाले युवको पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. यह जानकारी एएसपी श्रीश चंद्र ने दी.उन्होंने बताया कि पुलिस ने आकिल को गिरफ्तार किया है. सोशल मीडिया में युवक का पाकिस्तानी मौलवी से बात करने का वीडियो वायरल हुआ था.
एएसपी ने कहा कि हिंसा के संबंध में एक पाकिस्तानी मौलवी से ऑनलाइन सवाल करने वाले अभियुक्त आकिल को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि एक वीडियो झूठ तथ्यों के आधार पर प्रसारित किया गया था. पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद अली मिर्जा ने अभियुक्तों से घटना में संलिप्त लोगों को शहीद का दर्जा दिया था. इस प्रकरण में जांच हुई तो आकिल की पहचान हुई. इसे गिरफ्तार कर लिया गया है. अभियुक्त के कब्जे से मोबाइल भी बरामद किया गया है. आगे की कार्रवाई की जा रही है.
15 लोगों की जमानत अर्जी खारिज
उधर, जिले की एक स्थानीय अदालत ने पिछले साल नवंबर में मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर हुई हिंसा के सिलसिले में 15 आरोपियों की जमानत याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी. सरकारी वकील हरिओम प्रकाश सैनी ने बताया कि अपर जिला न्यायाधीश (द्वितीय) निर्भय नारायण सिंह ने आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की, लेकिन अदालत में पेश किए गए मजबूत सबूतों का हवाला देते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया. सैनी ने कहा,“सीसीटीवी फुटेज में सभी आरोपियों की पहचान की गई थी और शिकायतकर्ता ने प्राथमिकी में उनका नाम दर्ज कराया था. निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद वे भीड़ का हिस्सा थे. जब उन्हें वहां से हटने के लिए कहा गया, तो उन्होंने मना कर दिया और इसके बजाय पुलिस पर पत्थरों और आग्नेयास्त्रों से हमला कर दिया. इस घटना में कई नागरिक मारे गए और करीब 25 पुलिसकर्मी घायल हो गए.
सरकारी वाहनों को आग लगा दी गई और मैगजीन और रबर बुलेट सहित पुलिस के उपकरण लूट लिए गए.’’ अदालत ने संभल पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले के साक्ष्यों सहित केस रिकॉर्ड की समीक्षा की, जिसमें आरोपी आमिर, समीर, याकूब, सजाउद्दीन, सज्जू, मोहम्मद रेहान, मोहम्मद अली, शारिक, नईम, मोहम्मद गुलफाम, मोहम्मद सलीम, तहजीब, मोहम्मद फिरोज और मोहम्मद शादाब शामिल थे. इन सभी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई. अधिकारियों के मुताबिक, इसी तरह, नखासा पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले में अदालत ने आरोपी रुकैया और फरहाना को भी जमानत देने से इनकार कर दिया. (भाषा इनपुट के साथ)
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