संभल में पृथ्वीराज चौहान की बावड़ी पर सामने आई 1891 की ASI रिपोर्ट, कई चौंकाने वाले खुलासे
Sambhal News: बावड़ी का निरीक्षण करने के बाद संभल के डीएम डॉ राजेंद्र पैंसिया ने एबीपी न्यूज़ को बताया था कि उनकी कोशिश है कि जल्द ही ASI की टीम के मार्गदर्शन में बावड़ी की खुदाई शुरू हो जाए.
Sambhal Prithviraj Chauhan Bawdi: उत्तर प्रदेश के संभल में अभी कुछ दिन पहले ही प्रशासन की टीम के साथ ASI की टीम ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान की बावड़ी का दौरा किया था. आज ये बावड़ी बदहाल अवस्था में है और सिर्फ डेढ़ मंजिला ही बची है लेकिन आज से 130 साल पहले हालत अलग थे.
एबीपी न्यूज को अपनी पड़ताल के दौरान Archeological Survey of India की साल 1891 की रिपोर्ट मिली है जिसमें संभल में स्थित सम्राट पृथ्वीराज चौहान की बावड़ी का जिक्र किया गया है. ASI के तत्कालीन अधिकारी एलियास एंटन फरहर की 1891 में लिखी गई "द मॉन्यूमेंटल एंटीकिटीज एंड इन्स्क्रिप्शन" के पेज 38 पर बताया गया कि संभल के पश्चिमी हिस्से में एक तीन मंजिला बावड़ी स्थित है जिसे हिंदू काल में मोटे और बड़े पत्थरों से बनाया गया है. साथ ही बावड़ी के आसपास हरा भरा बगीचा भी मौजूद है.
ASI की रिपोर्ट में बावड़ी की असल लंबाई 3 मंजिल की
ऐसे में ASI की इस रिपोर्ट से साफ होता है कि आज बावड़ी की असल लंबाई 3 मंजिल की है जो कि आज सिर्फ डेढ़ मंजिल ही बची है. हालांकि बीते दिनों बावड़ी का निरीक्षण करने के बाद संभल के डीएम डॉ राजेंद्र पैंसिया ने एबीपी न्यूज़ को बताया था कि उनकी कोशिश है कि जल्द ही ASI की टीम के मार्गदर्शन में सम्राट पृथ्वीराज चौहान की बावड़ी की खुदाई शुरू हो जाए.
शाही जामा मस्जिद से 280 मीटर दूर मिला मृत्यु कूप
संभल में अभी प्राचीन इतिहास के मिलने का सिलसिला जारी है जहां अब तक चंदौसी में बावड़ी के अलावा एक प्राचीन कुआं और तीर्थ भी मिल चुका है. वहीं संभल में शाही जामा मस्जिद से 280 मीटर प्रशासन को संभल के 19 महत्वपूर्ण कूपों में से एक मृत्यु कूप भी मिला है.