Sambhal: अब सपा नेता शफीकुर्रहमान बर्क बोले- 'हमारे यहां भी अल्पसंख्यक बने पीएम'
ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने हैं लेकिन सियासत भारत की गरमा गई है. इसको लेकर अलग-अलग दलों की प्रतिक्रिया देखने-सुनने को मिली. अब इस बहस में सपा के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क भी कूद गए हैं.
UP News: ब्रिटेन में भारतीय मूल के नागरिक ऋषि सुनक (Rishi Sunak) के प्रधानमंत्री बनने पर सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क (Shafiqur Rahman Barq) ने कहा कि भारत में भी अल्पसंख्यक समाज के व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनना चाहिए. हमारे देश में भी लोकतंत्र है. उन्होंने कहा कि जैसे ब्रिटेन में हुआ है, वैसे ही अल्पसंख्यक और शिक्षित व्यक्ति जो देश चलाने की काबिलियत रखता हो, उसे प्रधानमंत्री बनना चाहिए.
शशि थरूर के बयान का किया समर्थन
शफीकुर्रहमान ने कांग्रेस के नेताओं के बयान का भी समर्थन किया. सपा नेता से पहले कांग्रेस नेता शशि थरूर जबकि पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने भी अल्पसंख्यक समाज से भारत का पीएम चुने जाने की बात कही थी. शशि थरूर ने ऋषि सुनक के पीएम चुने जाने के बाद ट्वीट किया था, "अगर ऐसा होता है, तो मुझे लगता है कि हम सभी को यह स्वीकार करना होगा कि ब्रिटेन के लोगों ने दुनिया में बहुत ही दुर्लभ काम किया है, अपने सबसे शक्तिशाली कार्यालय में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य को मौका दिया है. जैसा कि हम भारतीय, ऋषि सुनक के लिए जश्न मना रहे हैं, आइए ईमानदारी से पूछें; क्या यहां ऐसा हो सकता है?" थरूर अपने इस ट्वीट के कारण काफी ट्रोल हुए थे. लोगों ने उन्हें भारत के मुस्लिम राष्ट्रपति और सिख पीएम के नाम गिना दिए थे.
दारुल उलूम को नहीं मान्यता की जरूरत- सपा सांसद
उधर, सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क़ ने दारुल उलूम देवबंद के मान्यता के सवाल पर कहा, ' वह मदरसा बहुत पुराना है और उसे मान्यता की जरूरत नहीं है. वह तो खुद इस स्तर का मदरसा है जो देश की आजादी से पहले से कायम है. वह बहुत बड़ा महत्व का मदरसा है.' बीते दिनों सहारनपुर में मदरसे के सर्वे के दौरान यह जानकारी सामने आई थी कि दारुल उलूम देवबंद के साथ 300 से अधिक मदरसों को यूपी बोर्ड से मान्यता नहीं मिली हुई है.
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