संभल के प्राचीन मंदिर क्षेत्र के लिए मुलायम सिंह यादव ने किया था वादा, अब पूरा होगा उनका सपना?
Sambhal में ASI की अगुवाई में सर्वे जारी है.इस बीच शुक्रवार को एएसआई की टीम प्राचीन मंदिर जाएगी जिसे मनु काल से भी पुराना माना जाता है.
Sambhal ASI Survey: उत्तर प्रदेश के संभल में प्राचीन तीर्थ स्थलों का मिलना जारी है. गुरुवार, 26 दिसंबर को एबीपी न्यूज़ की टीम संभल के बेरनी गांव में उस प्राचीन शिव मंदिर में पहुंची जहां साल 2009 में विष्णु भगवान की एक हजार साल से भी अधिक प्राचीन दुर्लभ चतुर्थभुज प्रतिमा मिली थी. यह प्रतिमा शिव मंदिर के पास ही एक किसान को खुदाई के दौरान राजा वेण के किले के खंडहर से मिली थी. जो मनु काल से भी पुराना बताया जाता है और बाकायदा इसका विवरण सरकारी गैजेट में भी मिलता है.
साल 1920 में ही ASI ने इस इलाके को चिन्हित कर लिया था. वर्ष 2009 में जब भगवान विष्णु की यह दुर्लभ प्रतिमा मिली तो उसके बाद 2017 में यहां ASI ने राजा बेन के किले के टीले को संरक्षित करते हुए इसकी चारदिवारी तो करा दी लेकिन यहां कोई खुदाई नहीं हुई और न इस पर कोई खोज की गई कि यह सभ्यता कितनी पुरानी है.
भूतपूर्व सीएम मुलायम सिंह ने किया था ये ऐलान लेकिन...
अब बताया जा रहा है कि शुक्रवार को यहां ASI की टीम पहुंचेगी. ASI के पहुंचने से पहले यहां एबीपी न्यूज़ पहुंचा तो यहां ग्रामीणों ने इसके इतिहास और साक्ष्यों के बारे में जो बताया वह हैरान करने वाला था. इतना ही नहीं यहां के स्थानीय सपा विधायक मोहम्मद फहीम इस प्राचीन शिव मंदिर की तारीफ करते नजर आये और उन्होंने इस मंदिर के चमत्कार भी बताये और सरकार से मांग की कि इस प्राचीन धरोहर को सजाने संवारने के लिए काम करे ताकि यहां पर्यटन को बढ़ावा मिल सके. यूपी के भूतपूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने इस इलाके को पर्यटन ज़ोन घोषित किया था लेकिन यहां बहुत अधिक कार्य नहीं हो सका क्योंकि यह स्थल ASI के अधीन आता है.
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अब स्थानीय लोगो को उम्मीद है कि ASI की शुक्रवार, 27 दिसंबर को यहां आएगी तो हो सकता है अब इसकी खुदाई हो और इस प्राचीन स्थल के बारे में जानकारी दुनिया के सामने आएगी. जिस किसान को खुदाई के दौरान विष्णु भगवान की यह प्राचीन मूर्ति मिली थी उसने वह स्थान भी दिखाया और बताया कि पुलिस मूर्ति को ले गयी थी जिसे बाद में शिव मंदिर में एक कमरे में रखा गया . अगर यहां खुदाई हो तो इस टीले से राजा वेण का खजाना और प्राचीन मंदिर के अवशेष मिल सकते हैं.
यह प्राचीन ऐतिहासिक गांव बेरनी जनपद संभल में आता है लेकिन इसकी विधान सभा बिलारी लगती है जो जनपद मुरादाबाद की विधानसभा है. संभल के इस बेरनी गांव के प्राचीन मंदिर और राजा बेन के किले के इतिहास के बारे में मुरादाबाद मंडल के गजेटियर में भी उल्लेख मिलता है और यहां मिली भगवान विष्णु की चतुर्थमुखी प्रतिमा को गजेटियर के कवर पर छापा गया है. संभल जिला प्रशासन प्राचीन तीर्थ स्थलों और कुओं को खोज कर उसके जीर्णोद्धार की तैयारी कर रहा है. अब देखना ये होगा कि संभल के प्राचीन इतिहास को दर्शाने वाले राजा बेन के इस किले की खुदाई कल शुरू होती है या नहीं. कल यहां ASI की टीम के पहुंचने की बात कही जा रही है.