Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल में स्थित शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है. हिंसा को लेकर विपक्ष बीजेपी पर हमलावर है. कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने संभल की घटना पर प्रतिक्रिया दी है. कहा कि संभल की घटना पर भारतीय जनता पार्टी सरकार ने अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए जिस तरह जल्दबाजी की और पक्षपात भरा रवैया अपनाया, वह एक सरकार के तौर पर गैर-जिम्मेदाराना और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार और प्रशासन की लापरवाही से हिंसा हुई और फायरिंग से लोगों की जान चली गई, जिन्होंने अपनों को खोया है उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं.
उन्होंने आगे कहा कि यदि प्रशासन चाहता तो सभी पक्षों को सुनकर मामले का शांति पूर्वक रास्ता निकाला जा सकता था लेकिन वहां बरती गई असंवेदनशीलता के लिए सीधे तौर पर ज़िम्मेदार भाजपा सरकार है. भाजपा हमेशा से हिंदू-मुसलमान समाजों के बीच दरार और भेदभाव पैदा करने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करती है. हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध करते हैं कि शीघ्र संभल के मामले में हस्तक्षेप करे ताकि सद्भाव के साथ न्याय की मिशाल कायम हो.
अखिलेश यादव ने की कार्रवाई की मांग
संभल की घटना पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने साजिश का आरोप लगाया. अखिलेश एक्स पर लिखा, "सर्वे के नाम पर तनाव फैलाने की साज़िश का ‘सर्वोच्च न्यायालय’ तुरंत संज्ञान ले और जो अपने साथ सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से नारेबाज़ों को ले गये, उनके ख़िलाफ़ शांति और सौहार्द बिगाड़ने का मुक़दमा दर्ज हो और उनके ख़िलाफ़ ‘बार एसोसिएशन’ भी अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई करे." कहा- "उप्र शासन-प्रशासन से न कोई उम्मीद थी, न है."
गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश के संभल स्थित शाही जामा मस्जिद को हिंदू पक्ष ने पुरानी हरिहर मंदिर होने का दावा किया था. इसी को लेकर कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया था. सर्वे करने पहुंची टीम लोगों ने पथराव कर दिया. जिसके इलाके में स्थिति तनावपूर्ण बन गई. इस मामले में अभी तक 7 एफआईआर दर्ज हो चुकी है और 25 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है.
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