संभल की लड़ाई तुर्क-पठान पर आई, सपा-कांग्रेस का एक सुर, बीजेपी बोली- जातीय संघर्ष हमेशा से रहा
Sambhal Jama Masjid: संभल के जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान शुरू हुई हिंसा अब नया राजनीति बवाल खड़ा हो गया है. इसकी शुरूआत योगी सरकार के मंत्री नितिन अग्रवाल के बयान से हुई है.
Sambhal Violence: संभल में बीते रविवार को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा पर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है. इस मामले में अब यूपी सरकार में आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने बयान दिया है. उन्होंने इस घटना को दो गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई बताया है.
यूपी सरकार में आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा, "जो दंगा कराएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. ये जगजाहिर है कि संभल में दो पक्षों के वर्चस्व की लड़ाई है, जो अभी भी जारी है. इसमें एक पक्ष सांसद का और एक विधायक का है और दोनों ही सपा के नेता हैं, जिस तरीके से सांसद और विधायक समर्थकों ने अपने वर्चस्व की लड़ाई को जारी रखते हुए माहौल को खराब करने का काम किया और दंगा कराया है.
मंत्री ने कहा, 'संभल में दो गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई है. एक बड़ा है तो दूसरा छोटा है और इसी का नतीजा है, जो संभल में देखने को मिला है. फिलहाल संभल में हालात कंट्रोल में हैं और प्रशासन ने सख्ती के साथ काम किया है. जो भी लोग इस हिंसा के दोषी हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करके जेल भेजा गया है.' अब योगी सरकार के मंत्री के इस बयान पर जुबानी जंग शुरू हो गई है.
CM योगी आदित्यनाथ बोले- भारत के मूल संविधान में नहीं थे समाजवादी और सेक्यूलर शब्द
सपा-कांग्रेस के एक सुर
सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा, 'सब मनगढ़ंत कहानी है, कोई जातीय संघर्ष नहीं है. बीजेपी और सरकार संभल को लेकर रोज नई कहानी बता रही है. उसके कहानी में कोई नहीं आयेगा. पुलिस कुछ कह रही है, सरकार कुछ एफआईआर कुछ और कह रही है.' मंत्री के आरोपों पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी बयान दिया है.
सांसद इमरान मसूद ने कहा, 'झगड़ा पुलिस बनाम मुस्लिम है. तुर्क बनाम पठान की कोई लड़ाई नहीं है. प्रत्यक्ष को प्रमाण की कोई आवश्यकता नहीं है. पुलिस के गोली मारते फुटेज है.' यानी इंडिया गठबंधन के दोनों ही नेताओं ने तुर्क बनाम पठान आदि बातों को खारिज कर दिया है. वहीं कांग्रेस सांसद ने सरकार पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि आने वाले दिनों में राहुल गांधी संभल जाएंगे.
इस संबंध में यूपी बीजेपी चीफ भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि बर्क और पठान परिवार में राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई है. एक पार्टी में रहते हुए भी आमने-सामने चुनाव लड़े. दोनों के बीच जातीय संघर्ष हमेशा से रहा है.