Sambhal Violence: संभल में जिला प्रशासन ने 10 दिसंबर तक बाहरी और राजनीतिक लोगों की एंट्री पर रोक लगा रखी है. लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को संभल पहुंच गया. कांग्रेस के इस प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की. कांग्रेस के बाद जमीयत उलमा-ए-हिंद ने भी प्रशासनिक आदेश को ठेंगा दिखाया और संभल पहुंचा. ये लोग गुपचुप तरीके से पीड़ित परिवारों से मिले पहुंचे. 


जमीयत उलेमा ए हिंद का शिष्ट मंडल मंगलवार को गुपचुप तरीके से संभल पहुंचा. यहां शिष्ट मंडल संभल हिंसा में मारे गए लोगों के घर आर्थिक मदद देने पहुंचा था. प्रशासन ने 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों के संभल आने पर रोक लगा दी है. इसके बावजूद जमीयत उलेमा ए हिंद का शिष्ट मंडल पहुंच गया. सरायतरीन में मृतक बिलाल के परिजनों को शिष्ट मंडल ने आर्थिक मदद के तौर पर 5 लाख रुपए दिए. 


क्या बोले शिष्ट मंडल के लोग
हालांकि इसकी जानकारी जैसे ही पुलिस को हुई तो पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया. इसके बाद पुलिस आनन-फानन में मौके पर पहुंची. पुलिस ने पाबंदी का हवाला दिया तो जमीयत उलेमा ए हिंद के शिष्ट मंडल ने कहा कि एक के घर आ गए, अब वापस लौट जाएंगे. शिष्ट मंडल ने कहा कि पिछले दिनों संभल में जो हुआ है उसमें 5 लोगों की जान गई है. हमें इसपर काफी दुख है. उनके घर वालों को जितना दुख होगा उसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है.


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इससे पहले यूपी कांग्रेस के उपाध्यक्ष रिजवान कुरेशी और यूपी कांग्रेस के महासचिव सचिन चौधरी के साथ संभल जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने उनकी बात कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी से फोन पर कराई. कांग्रेस नेता संभल पुलिस और खुफिया एजेंसियों को चकमा देकर पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे थे. ऐसे में राहुल गांधी की टीम के नेता पीड़ित परिवारों से मिल कर चले भी गए और किसी को भनक तक नहीं लगी.