संभल हिंसा की न्यायिक जांच पर अवधेश प्रसाद की प्रतिक्रिया, जानें क्या बोले सपा सांसद
UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने संभल में हुई हिंसा की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. नेताओं ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि आयोग की रिपोर्ट का कोई कानूनी मूल्य नहीं है.
Sambhal Masjid Controversy: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने संभल में पिछले दिनों हुई हिंसा की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. आदेश के बाद से लगातार नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है. वहीं अयोध्या के सांसद और सपा नेता अवधेश प्रसाद की भी इस पर प्रतिक्रिया सामने आई है. सपा सांसद ने कहा कि जहां तक आयोग का सवाल है, मैं जानता हूं कि आयोग की रिपोर्ट तीन से चार महीने में आएगी. इसका कानून में कोई वैल्यू भी नहीं होता. यह केवल लोगों का ध्यान भटकाने के लिए है. ऐसे मामले में तुरंत सरकार को हस्ताक्षेप करना चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा कि यह साफ-साफ दिखाई पड़ रहा है कि पांच लोगों की मौत हो चुकी. दर्जनों लोग बुरी तरह से घायल है. पुलिस के द्वारा गोली चलाई गई है. वहीं जांच पड़ताल हो गई थी तो दुबारा जाने की क्या जरूरत थी. जब पहली बार वहां जांच कमेटी गई तो किसी प्रकार की अनहोनि नहीं हुई. लेकिन दुबारा कोर्ट के आदेश के बिना वहां क्यों जांच की गई. किसके कहने पर यह हुआ.
'फैसले का सभी को स्वागत करना चाहिए'
संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा मामले पर आज शुक्रवार (29 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत इसमें कोई एक्शन न लें. वहीं इस मामले पर सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने देश के हित में अच्छा फैसला दिया है. देश के लोगों को इसका स्वागत करना चाहिए. इस फैसले से इस देश में आपसी भाईचार और कानून का राज कायम रखने में काफी मदद मिलेगी. वहीं जो लोग समाज का बांटने का काम करते है, उन पर रोक लगेगी.
मस्जिद के सर्वे के दौरान स्थिति बिगड़ गई
संभल जिले स्थित शाही जामा मस्जिद के रविवार को सर्वे के दौरान भारी बवाल हो गया. इस दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर पथराव किया और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा. जानकारी के अनुसार, जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान स्थिति बिगड़ गई और हिंसा फैल गई.
28 आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
पुलिस ने अब तक इस मामले में 28 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. सीसीटीवी फुटेज और वायरल वीडियो के आधार पर एक-एक आरोपी की पहचान की जा रही है. पुलिस ने बुधवार को फुटेज के आधार पर 45 उपद्रवियों के पोस्टर जारी किए. जिसमें बहुत से उपद्रवियों का नाम और उनका पता भी सार्वजनिक कर दिया गया है.आयोग की रिपोर्ट तीन चार महीने में आएगी.
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