Sambhal Violence Update: यूपी के संभल में मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा के आज दूसरे दिन भी शांति बनी हुई है. इस मामले में अब तक तीन महिलाओं समेत 27 को आरोपी बनाया गया है. पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और स्थानीय विधायक के बेटे सुहेल इक़बाल के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है. संभल हिंसा मामले में जियाउर्रहमान बर्क को आरोपी नंबर एक बनाया गया है जबकि सुहेल को आरोपी नंबर दो बनाया गया है.
पुलिस की ओर दाखिल एफआईआर के मुताबिक समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने राजनीतिक लाभ के लिए भीड़ को भड़काया और सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ा. एफआईआर में इस बात का भी जिक्र है कि 24 नवंबर को सर्वे के दौरान इक्कठा हुई भीड़ में विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल भी मौजूद थे.
सपा सांसद को बनाया गया आरोपी नंबर-1
सुहैल ने भीड़ को ये कहकर उकसाया कि जियाउर्रहमान बर्क हमारे साथ हैं, हम लोग तुम्हारे साथ हैं, कुछ नहीं होने देंगे. अपने मंसूबे पूरे करो, इतना सुनकर भीड़ और उग्र हो गई. FIR में लिखा है की हिंसा से 2 दिन पहले सांसद बर्क प्रशासन की अनुमति के बिना जामा मस्जिद गए थे. जहां उन्होंने भड़काऊ भाषणबाजी की.
सपा सांसद के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि 22 नवंबर को जियाउर्रहमान बर्क ने जामा मस्जिद में नमाज अदा करने के दौरान बिना प्रशासन की अनुमति के भीड़ को जुटाया और भड़काऊ बयानबाजी की. इस दौरान पूरे मामले का राजनीतिक लाभ लेने के लिए सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए भीड़ को उग्र किया गया.
एफआईआर की कॉपी से खुलासा
FIR के मुताबिक 24 नवंबर को जब जामा मस्जिद का सर्वे किया जा रहा था, तभी सुबह 9 बजे 800 अज्ञात लोगों की भीड़ घातक हथियारों से लैस होकर जामा मस्जिद के सर्वे की प्रक्रिया को बाधित करने के उद्देश्य से आ गई. एफआईआर में कहा गया है कि भीड़ की ओर से आवाज आई कि ये सर्वे नहीं होने देंगे. भीड़ की ओर से पुलिस पर फायरिंग की गई. साजिश के तहत पुलिस पर पत्थरबाजी की गई और एसआई की पिस्तौल छीनने के कोशिश हुई. उपद्रवियों ने आंसू गैस के गोले भी लूटे.
वहीं दूसरी तरफ सपा सांसद ने पुलिस के आरोपों को गलत बताया है. सोमवार को संसद पहुंचे जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि जिस दिन हिंसा हुई उस दिन वो शहर में तो क्या प्रदेश में भी मौजूद नहीं थे. वो बेंगलुरू गए हुए थे. फिर भी उनके ख़िलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. उन्होंने कहा कि ये बात सही है कि सँभल में सुनियोजित साजिश हुई लेकिन, ये साजिश पुलिस और प्रशासन ने की है. जब जनता को पता नहीं कि पुलिस कब सर्वे करने आ रही है तो जनता क्या साजिश करेगी?