UP Politics: यूपी में अखिलेश यादव के सामने बाजी मार गए राहुल गांधी, सामने आ गई तस्वीर
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने मंगलवार की शाम को संभल हिंसा के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. इससे पहले ये दोनों नेता संभल जा रहे थे तो उन्हें रास्ते में रोक लिया गया था.
Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल में पिछले दिनों हिंसा में जान गंवाने वाले कुछ लोगों के परिजनों ने मंगलवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा से मुलाकात की. इससे पहले समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को संभल नहीं जाने दिया गया था. प्रतिनिधिमंडल को जाने से रोके जाने के बाद राहुल गांधी को भी जाने से रोक दिया गया था.
हालांकि अखिलेश यादव के खुद अभी तक संभल जाने की कोई सूचना नहीं आई है और न ही पार्टी के पीड़ितों से मुलाकात की कोई संभावना बनती दिख रही है. लेकिन अखिलेश यादव से पहले इस मामले में राहुल गांधी ने बाजी मार ली. राहुल गांधी की पीड़ित परिवारों से मुलाकात कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के आधिकारिक निवास 10 जनपथ पर हुई.
आज नेता विपक्ष श्री @RahulGandhi और कांग्रेस महासचिव व सांसद श्रीमती @priyankagandhi जी ने संभल के पीड़ितों से मुलाक़ात की।
— Congress (@INCIndia) December 10, 2024
संभल में हुई घटना BJP की नफ़रती राजनीति का दुष्परिणाम है और यह शांतिपूर्ण समाज के लिए घातक है।
हमें साथ मिलकर इस हिंसक और नफ़रती मानसिकता को मोहब्बत और… pic.twitter.com/fi4zTcpT2m
इस मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि का कहना है कि कांग्रेस के दोनों प्रमुख नेताओं ने इन पीड़ित परिवारों को ढांढस बंधाया और न्याय के लिए पूरे सहयोग का भरोसा दिया. हालांकि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी गत चार दिसंबर को संभल के पीड़ितों से मिलने रवाना हुए थे लेकिन उत्तर प्रदेश प्रशासन ने उन्हें रास्ते में रोक दिया था.
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सामने आई तस्वीर
ऐसे में देखा जाए तो संभल हिंसा के बाद जुबानी तीर चला रहे अखिलेश यादव से सामने राहुल गांधी बाजी मारते हुए नजर आ रहे हैं. इसकी तस्वीरें भी मंगलवार की देर शाम सामने आ गई है. दूसरी ओर सपा ने भी वहां के पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान कर दिया था. जबकि कांग्रेस ने अभी तक ऐसा कोई अधिकारिक ऐलान नहीं किया है.
बता दें कि संभल की एक अदालत ने 19 नवंबर को शहर के कोट पूर्वी मोहल्ले में स्थित मुगलकालीन जामा मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश दिया था और उसी दिन एक टीम ने वहां का सर्वेक्षण किया था. तभी से विवाद पैदा हो गया था. उसके बाद 24 नवंबर को दोबारा सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी.