संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क के पिता बोले- 'पुलिस के गिरफ्तारियां नहीं रोकने तक माहौल नहीं सुधरेगा'
सांसद के पिता ममलूक-उर-रहमान बर्क ने सर्वेक्षण के आदेश देने से रोकने के उच्चतम न्यायालय के गुरुवार के फैसले की सराहना की. उन्होंने कहा कि पुलिस जो अत्याचार कर रही है, उसे बंद किया जाना चाहिए.
Sambhal Violence: संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क के पिता ममलूक-उर-रहमान बर्क ने 24 नवंबर की हिंसा के बाद स्थानीय लोगों पर पुलिस द्वारा 'अत्याचार' किए जाने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि जब तक पुलिस व्यर्थ की गिरफ्तारियां नहीं रोकेगी, तब तक इलाके का माहौल नहीं सुधरेगा.
सपा सांसद बर्क पिछले महीने 24 नवंबर को न्यायालय के आदेश पर संभल के कोट गर्वी मुहल्ले में स्थित जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा के मामले में दर्ज एक मुकदमे में आरोपी हैं. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गयी थी. पुलिस ने इस मामले में अब तक लगभग 40 लोगों को गिरफ्तार किया है.
उत्पीड़न से नहीं डरते- सांसद के पिता
सांसद के पिता ममलूक-उर-रहमान बर्क ने शाही जामा मस्जिद में जुमे की नमाज अदा करने के बाद कहा, ''जब तक पुलिस हिंसा के मामले में आरोपी बताकर लोगों की गिरफ्तारियां बंद नहीं करेगी, तब तक संभल का माहौल ठीक नहीं होगा. यहां गिरफ्तारियां बंद होनी चाहिए. पुलिस जो अत्याचार कर रही है, उसे बंद किया जाना चाहिए. घरों में घुसकर तोड़फोड़ करना, महिलाओं को पीटना और अपमानित करना उत्पीड़न का ही एक रूप है. हम उत्पीड़न से नहीं डरते. दोषी कौन है...क्या पुलिस नहीं है?''
स्थानीय उप-विभागीय मजिस्ट्रेट द्वारा सांसद जिया-उर-रहमान बर्क को बिना नक्शा स्वीकृत कराए मकान बनाने के आरोप में 'कारण बताओ नोटिस' जारी किये जाने पर उन्होंने कहा, ''पहली बात तो यह कि मकान उनके नाम पर नहीं है. दूसरी बात, हमने प्रशासन से 15 दिन का समय लिया है. उसके बाद सब पता चल जाएगा. यह मकान हमारे पिता (डॉक्टर शफीकुर्रहमान) के नाम पर है.''
फैसले की सराहना
बर्क ने निचली अदालतों को धार्मिक स्थलों के सर्वेक्षण से जुड़ी याचिकाओं को स्वीकार करने और सर्वेक्षण के आदेश देने से रोकने के उच्चतम न्यायालय के गुरुवार के फैसले की सराहना की. प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार उत्तर प्रदेश (भवन संचालन विनियमन) अधिनियम 1958 के तहत पांच दिसंबर को जारी किए गए नोटिस में स्थानीय भवन मानदंडों के उल्लंघन की बात कही गयी है.
उप जिलाधिकारी (संभल) वंदना मिश्रा ने बताया, ''परिवार के वकील ने गुरुवार को प्रशासन से जवाब देने के लिए समय मांगा था. हमारे प्रावधानों के अनुसार उन्हें एक और नोटिस जारी किया जाएगा. उन्होंने समय पर अपना जवाब दाखिल नहीं किया. हम इतना समय नहीं दे सकते. प्रावधानों के अनुसार अगला नोटिस जारी किया जाएगा.''
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क्या बोले अधिकारी
इस बीच, पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि शाही जामा मस्जिद सहित सभी मस्जिदों में 'जुमे की नमाज' शांतिपूर्ण तरीके से अदा की गई. बिश्नोई ने कहा, ''शुक्रवार को त्वरित कार्रवाई बल, प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी और विभिन्न थानों की पुलिस को तैनात किया गया था.''
उन्होंने बताया कि 24 नवंबर को हुई घटना में अब तक 40 लोगों को जेल भेजा जा चुका है. इसके अलावा 93 लोगों के नाम सामने आए हैं, जिनके यहां पर समय-समय पर दबिश दी जा रही है. वे घर छोड़ कर भाग गये हैं. पुलिस उन सभी पर इनाम घोषित करेगी. हर व्यक्ति को पकड़ने के लिए विशेष टीम भेजी जाएगी और सभी की गिरफ्तारी की जाएगी.