Sambhal Violence: संभल को बीते महीने 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद से बाहरी लोगों और नेताओं की एंट्री पर रोक लगा दी गई है. मंगलवार को कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के वहां जाने नहीं दिया गया. लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि आखिर कब तक नेताओं और बाहरी लोगों की एंट्री संभल में बैन रहेगी. इसपर संभल एसपी केके बिश्नोई ने बयान दिया है. 


संभल एसपी ने कहा, 'संभल में शांति कायम है. प्रशासन और पुलिस ने घटना वाले दिन से ही शांति बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किया है. फिलहाल हमारे पास PAC और RAF की 10 कंपनियां हैं, जिनका इस्तेमाल रोजाना गश्त और सभी महत्वपूर्ण जगहों पर शांति बनाए रखने के लिए किया जाता है.'




SP के.के. बिश्नोई ने कहा, 'फिलहाल संभल में शांति है. DM द्वारा पारित 163 BNSS के आदेश के आलोक में 10 दिसंबर तक हम सभी जनप्रतिनिधियों से शांति बनाए रखने में सहयोग करने का अनुरोध करते हैं. 10 तारीख के बाद समीक्षा की जाएगी कि संभल में शांति बनी हुई है या नहीं, उसके बाद फैसला लिया जाएगा.'


हमारे सांसदों पर FIR की गई- अवधेश प्रसाद
जबकि सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा, "संभल में जाने से रोकने का सिलसिला भाजपा सरकार का लगातार जारी है. सबसे पहले समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल संभल जा रहा था लेकिन उन्हें रोका गया और हमारे सांसदों पर FIR की गई, कल अखिलेश यादव ने सदन में इस पूरी बात को रखा है और सरकारी अधिकारियों को दोषी ठहराया है, उचित कार्रवाई करने की मांग की. लेकिन इतना कहने के बाद भी सरकार की तरफ से कुछ नहीं कहा गया."


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संभल DM राजेंद्र पेंस्या ने कहा, "अब तक 33 लोगों को जेल भेजा जा चुका है और संभल में अभी भी सुरक्षा व्यवस्था बनी हुई है और पूरी सतर्कता बरती जा रही है ताकि फिर से कोई संवेदनशीलता पैदा न हो. 400 से ज्यादा लोगों को चिह्नित किया गया है. हमने सभी से अनुरोध किया है कि संवेदनशीलता और सतर्कता के मद्देनजर 10 दिसंबर तक यहां न आएं."