संभल हिंसा को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला, न्यायिक जांच के लिए 3 सदस्यीय समिति गठित
Sambhal Violence: संभल हिंसा के बाद वहां पर प्रशासन अलर्ट है और इस हादसे के बाद पहले जुमे की नमाज को ध्यान में रखते हुए, मस्जिद के आसपास के इलाकों में गुरुवार को सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल किए गए.
Sambhal Violence Update: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने संभल में पिछले दिनों हुई हिंसा की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. राज्य के गृह विभाग के आदेश के अनुसार, हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता में तीन सदस्यी समिति को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया है. समिति के दो अन्य सदस्य सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद और पूर्व आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन हैं. समिति को दो महीने के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है.
समिति के गठन का आदेश उत्तर प्रदेश के गृह विभाग द्वारा गुरुवार को जारी किया गया. इसमें कहा गया है, "माननीय न्यायालय द्वारा जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर विवाद में आदेशित सर्वे के दौरान दिनांक 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसक घटना, कोई पूर्व नियोजित षड्यंत्र थी अथवा एक सामान्य आपराधिक वारदात, जिसके कारण तमाम पुलिस कर्मी चोटिल हुए, चार व्यक्तियों की मौत हुई एवं संपत्ति का भी नुकसान हुआ, की जनहित में जांच आवश्यक है."
जुमे की नमाज को लेकर प्रशासन अलर्ट
वहीं संभल हिंसा के बाद वहां पर प्रशासन अलर्ट है और इस हादसे के बाद पहले जुमे की नमाज को ध्यान में रखते हुए, मस्जिद के आसपास के इलाकों में गुरुवार को सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल किए गए. सीसीटीवी इंस्टॉल करने वाले धर्मवीर ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया कि प्रशासन की तरफ से सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. कुल 20 कैमरे जामा मस्जिद के चारों तरफ लगाए जा रहे हैं. पास के चौराहे और तिराहे सभी जगहों पर इसको इंस्टॉल किया जा रहा है.
सर्वे टीम पर हुआ था पथराव
बता दें कि 24 नवंबर की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वे किया गया था. पुलिस का कहना है कि इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वे टीम पर पथराव कर दिया. देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया. पुलिस ने हालात को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी. हिंसा के दौरान कई लोगों की मौत भी हुई.
(IANS इनपुट के साथ)