Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल में अतिक्रमण हटाने और खुदाई के दौरान हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. संभल में जांच के दौरान दो ऐसे मंदिर मिले हैं जिन पर सालों से ताला लगा पड़ा था, जिसके बाद प्रशासन की ओर से यहां की साफ-सफाई कराई गई है और अब यहां फिर से पूजा-पाठ शुरू हो गया है. ऐसे में सबके मन में सवाल ये है कि संभल में आगे क्या होगा? जिसका जवाब डीएम राजेंद्र पेंसिया ने दिया है. 


संभल में बीते शनिवार को प्राचीन शिव मंदिर मिला था. जो कई सालों से बंद पड़ा हुआ था, जिसके बाद प्रशासन की ओर से इस मंदिर की साफ-सफाई कराई गई. मंदिर के पास ही एक कूप भी मिला जिसमें माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की प्रतिमाएं मिली हैं. इसके बाद यहां के एक और इलाके से राधा-कृष्ण मंदिर का भी प्रशासन ने ताला खुलवाया. डीएम राजेंद्र पैंसिया ने कहा कि संभल का  प्राचीन नक्शे के आधार पर जीर्णोद्धार होगा.



धर्मनगरी की तरह होगा जीर्णोद्धार
डीएम ने कहा कि संभल के प्राचीन नक्शे को मिलाया जा रहा है. यहां के प्राचीन नक्शे में 19 कूप, 68 तीर्थ, 36 पूरे और 52 सराय हैं. नक्शे के मुताबिक इन सभी को खोजा जाएगा और फिर उनका जीर्णोद्धार कराया जाएगा. संभल को धर्म नगरी की तरह विकसित किया जाएगा और यहां की प्राचीन संस्कृति दिखाकर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा. 


डीएम ने कहा कि प्राचीन नक्शे में मौजूद 19 कूप में से 17-18 कूप मिल चुके हैं. जिसके आधार पर उसके पौराणिक रूप में उसे फिर से संवारा जाएगा. डीएम ने कहा कि संभल का नाम पौराणिक नाम 'शंभल' है यानी शंभू की नगरी. इसका जो प्राचीन मानचित्र है उसमें तीन ओर भगवान शिव का मंदिर है. दो शिवमंदिर तो वर्तमान मिलते हैं और तीसरे मंदिर को हम खोज रहे हैं. हमारी सात सदस्यों की टीम तहसीलदार के नेतृत्व में इसकी जांच कर रही है.  उन्होंने कहा कि हम कुछ नया नहीं कर रहे हैं हम सिर्फ वही कर रहे है कि जो मैप पर है वो ग्राउंड पर भी दिखे. 


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