सपा मुख्यालय में क्यों स्थापित होगा संविधान मान-स्तंभ? अखिलेश यादव ने बताई वजह
UP News: लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय में संविधान मान-स्तंभ स्थापित किया जाएगा. ये संविधान मान-स्तंभ 26 जुलाई को ही क्यों स्थापित किया जा रहा है. इसके पीछे की वजह अखिलेश यादव ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.
UP News: समाजवादी पार्टी आज संविधान मान स्तंम की स्थापना करके आरक्षण का अधिकार दिवस मना रही है. आज 26 जुलाई को सपा के लखनऊ स्थित मुख्यालय में एक सादगीपूर्ण समारोह में संविधान-मानस्तंभ की स्थापना की जाएगी. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट किया है. जिसमें आरक्षण दिवस 26 जुलाई को समाजवादी पार्टी ने संविधान-मानस्तंभ के स्थापना दिवस के रूप में मनाने का विनम्र निर्णय लिया है. क्योंकि इसी दिन महात्मा ज्योतिबा फुले जी द्वारा संकल्पित आरक्षण को कोल्हापुर के परम आदरणीय-अनुकरणीय श्रीमंत महाराज राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज जी अपने कोल्हापुर राज्य में लागू करके आरक्षण का शुभारंभ किया था.
ज्योतिराव फुले जी का उद्देश्य सभी को संख्या के अनुपात में आरक्षण देना था.सामाजिक न्याय की भावना को आरक्षण के रूप में इसी दिन अमल में लाया गया था. जो आगे चलकर बाबासाहब भीमराव अंबेडकर जी के सद्प्रयासों से हमारे संविधान में एक जनाधिकार के रूप में सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने का मूल आधार बना. देश के लोकतंत्र की स्थापना का मूल सिद्धांत भी बना. पोस्ट में यह भी लिखा गया कि पीडीए को अधिकार तब ही मिलेंगे जब उचित रूप से आरक्षण का हक सबको मिलेगा.
विचारों को लागू करना प्रभावशाली उदाहरण
अखिलेश यादव ने कहा कि इसी परिप्रेक्ष्य में संविधान-मानस्तंभ की स्थापना का इससे अधिक ऐतिहासिक अवसर और क्या हो सकता है. क्योंकि विचार को सही में लागू करना ही तो सबसे बड़ा और प्रभावशाली उदाहरण होता है. जो परम आदरणीय-अनुकरणीय श्रीमंत महाराज राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज जी ने कर दिखाया था. 26 जुलाई सन 1902 को राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज ने अपने संस्थान में आरक्षण का अंमल शुरू किया था.
सपा मुख्यालय में संविधान-मानस्तंभ की स्थापना
सपा नेता ने यह भी कहा कि आज 26 जुलाई को सपा के लखनऊ स्थित मुख्यालय में एक सादगीपूर्ण समारोह में संविधान-मानस्तंभ की स्थापना की जाएगी. जिसमें भारत के संविधान की एक प्रति की स्थापना होगी. जिससे पीडीए-प्रकाश स्तंभ के रूप में भारत का संविधान हमारे सामाजिक न्याय का मार्ग सदैव प्रकाशित और प्रशस्त करता रहे. डॉ० राम मनोहर लोहिया ने सबके विकास के लिए पिछड़ों को विशेष अवसर दिए जाने की मांग उठाई थी. संविधान और आरक्षण खत्म करने का खतरा अभी टला नहीं है. हम नफरत का खेल खेलने वालों को सफल नहीं होने देंगे.
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