UP News: सनातन धर्म (Sanatan Dharma) पर विवादास्पद बयान को लेकर तमिलनाडु (Tamil Nadu) के मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) के बेटे उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) के खिलाफ उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में संतों की बड़ी बैठक हुई. बैठक में अयोध्या कोतवाल को बुलाकर तहरीर सौंपी गई और तमिलनाडु के राज्यपाल के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को संतों के हस्ताक्षर वाला पत्र कारवाई के लिए भेजा गया.


वहीं उदयनिधि स्टालिन का सिर काटने वाले को 10 करोड़ रुपये देने का एलान करने वाले जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने विधि विधान के साथ 13वीं संस्कार किया. जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने उदयनिधि स्टालिन की बाकायदा विधि विधान और मंत्रोच्चार के बीच मटकी फोड़कर उनकी तेरहवीं कर डाली.


सुप्रीम कोर्ट में पहले भी दायर की जा चुकी है याचिका


इससे पहले भी उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. वकील विनीत जिंदल ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि वह सनातन धर्म के अनुयायी हैं और स्टालिन की ओर से दिए गए "घृणास्पद भाषण" से व्यथित हैं.


दिल्ली पुलिस के खिलाफ अवमानना ​​की भी मांग


याचिका में कहा गया था कि आवेदक ने पहले ही दिल्ली पुलिस आयुक्त के पास शिकायत दर्ज कर द्रमुक नेता के खिलाफ दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई की मांग की, लेकिन प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) अभी तक दर्ज नहीं की गई. वकील आरके चौधरी के माध्यम से दायर आवेदन में कोर्ट के दिशानिर्देशों को लागू नहीं करने के लिए दिल्ली पुलिस के खिलाफ अवमानना ​​की भी मांग की गई.


उदयनिधि स्टालिन ने क्या कहा था?


गौरतलब है कि उदयनिधि स्टालिन ने तमिलनाडु में एक कार्यक्रम में कहा था कि सनातन धर्म को मच्छर, डेंगू, मलेरिया या कोरोना की तरह खत्म करना होगा. स्टालिन ने कहा था, "इसका (सनातन धर्म) विरोध करने के बजाय इसे खत्म करना होगा, क्‍योंकि यह लोगों को जातियों में बांटता है और भेदभाव को बढ़ावा देता है." उदयनिधि ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया और अपने बयान को सही ठहराते हुए कहा था कि "मैं यह बात लगातार कहूंगा."


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