Sambhal Violence: संभल हिंसा को लेकर सियासत गरमाई हुई हैं, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत सभी विपक्षी दलों ने इसे लेकर प्रशासन पर सवाल उठाए हैं. इन तमाम आरोपों पर मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आञ्जनेय कुमार सिंह ने जवाब दिया है. एबीपी न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमने पुलिस को कोई क्लीन चिट नहीं दी है, जिसके खिलाफ हमें सबूत मिलेगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा, लेकिन, इस वजह से उपद्रवियों को जायज नहीं कर सकते.
कमिश्नर आञ्जनेय कुमार ने कहा कि सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क़ और सपा विधायक के बेटे सुहैल इकबाल के समर्थकों ने 19 नवंबर को सर्वे में व्यवधान डाला था इसलिए 24 नवंबर को दोबारा सर्वे करना पड़ा. कोर्ट कमिश्नर की गुजारिश पर डीएम ने दोबारा कराया सर्वे कराया था. इस घटना में कोई इंटेलिजेंस या पुलिस का फेलियर नहीं है. हम मस्जिद और सर्वे टीम की सुरक्षा करने में कामयाब रहे और बहुत जल्दी दो-ढाई घंटों में हमने घटना को काबू कर लिया.
सपा के आरोपों पर दिया जवाब
मस्जिद में भीड़ के घुसने और सर्वे टीम पर हमला करने का इंटेलिजेंस इनपुट मिला था जो पर्याप्त था और हमने उसी के हिसाब से 5 कंपनी पीएसी तैनात की गई थी. घटना के लिए ज़िम्मेदार ठहराए जाने पर उन्होंने कहा कि मैं जिले का डीएम या एसपी नहीं हूं. मैं कमिश्नर हूं और कमिश्नर का रोल एडवाइजरी का होता है, वो भी जब सलाह मांगी जाती है तब. मेरा रोल तो तब शुरू हुआ जब कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हुई.
सपा के आरोपों पर उन्होंने कहा कि ये तो कोर्ट का आदेश है और इसका अनुपालन जिला प्रशासन के द्वारा किया गया है. इसमें कमिश्नर कहां से आ गया. मेरे लिए कोई विपक्ष नहीं है सभी मेरे लिए पक्ष हैं. मैं कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं. मैं किसी को टारगेट क्यों करूंगा. मैं उस सरकार में भी काम कर चुका हूं और इस सरकार में भी कर रहा हूं मेरा काम विधि पूर्वक सभी चीजों का संचालन करना है जिसका मुझे उत्तरदायित्व दिया गया है.
अखिलेश यादव को लेकर कही ये बात
सोशल मीडिया में अखिलेश यादव से शायराना अंदा में उलझने पर उन्होंने कहा कि वो इतने बड़े व्यक्ति हैं यूपी के मुख्यमंत्री रहे हैं. मैं एक छोटा सा अधिकारी हूं. क्योंकि मैं साहित्य का विद्यार्थी रहा हूं लिए जब भी कोई अच्छी चीज लगती है तो मैं उसे अपने सोशल मीडिया पर शेयर करता हूं. ये एक संयोग मात्र है जिसे इससे जोड़ दिया गया. वो राजनीतिक व्यक्ति हैं कुछ भी कह सकते हैं.
संभल में विपक्ष के बाहरी नेताओं के आने पर पाबंदी पर उन्होंने कहा कि हमने संभल को बड़ी मुश्किल से सामान्य किया है. इसलिए जब तक हालात पूरी तरह सामान्य ना हो जाए तब तक बाहरी व्यक्तियों के आने पर जिलाधिकारी ने 10 दिसंबर तक रोक लगा रखी है. मुझे उम्मीद है कि बहुत जल्दी स्थिति सामान्य हो जाएगी. हम साफ कह रहे हैं कि अगर जांच में हमें पुलिस कर्मी के खिलाफ सबूत मिला तो हम बिना कार्रवाई किए उसे नहीं छोड़ेंगे ये मेरा आपसे वादा है. संभल हिंसा के गुनहगारों को कोर्ट से सजा दिलाना मेरा दायित्व है और हम ये जरूर करेंगे.