मैनपुरी: समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की भतीजी और पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की बहन मैनपुरी की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संध्या यादव जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गईं. संध्या यादव ने मैनपुरी जिले के वार्ड नंबर 18 से भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और उन्हें समाजवादी पार्टी के प्रमोद यादव ने पराजित किया.
बीजेपी जिलाध्यक्ष प्रदीप चौहान ने बताया कि संध्या यादव जिला पंचायत की अध्यक्ष थीं और वह सपा के टिकट पर पिछला चुनाव जीती थीं, लेकिन बाद में बीजेपी में शामिल हो गईं और बीजेपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ी लेकिन हार गईं. मैनपुरी से सपा के विधायक राजकुमार उर्फ राजू यादव की पत्नी वंदना यादव वार्ड नंबर 28 से जिला पंचायत सदस्य के लिए किस्मत आजमा रही थीं लेकिन उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी जर्मन यादव ने हरा दिया.
सैफई का प्रतिनिधित्व एक दलित व्यक्ति करेगा
वहीं दूसरी तरफ आजादी के बाद पहली बार समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव के पैतृक गांव सैफई का प्रतिनिधित्व एक दलित व्यक्ति करेगा. मुलायम सिंह यादव के करीबी विश्वासपात्र रामफल बाल्मीकि को सैफई के ग्राम प्रधान के रूप में चुना गया है, जहां 48 सालों के लंबे समय के बाद पहली बार चुनाव हुए थे. सैफई में बाल्मीकि के खिलाफ केवल एक उम्मीदवार मैदान में था जो 19 अप्रैल को चुनाव में गया था. रामफल बाल्मीकि ने अपनी प्रतिद्वंद्वी विनीता को बड़े अंतर से हराया.
बाल्मीकि को कुल 3,877 वोट मिले, जबकि विनीता को सिर्फ 15 वोट मिले. अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए सीट आरक्षित होने के बाद बाल्मीकि को सैफई से मैदान में उतारा गया था. बाल्मीकि के निर्विरोध चुने जाने की संभावना इस बार प्रबल थी लेकिन एक महिला विनीता द्वारा दाखिल नामांकन ने सैफाई में निर्विरोध पंचायत चुनाव की परंपरा को तोड़ दिया.
यह भी पढ़ें-
अखिलेश यादव का आरोप- कोरोना से ज्यादा बीजेपी सरकार की बदइंतजामी से दम तोड़ रहे हैं लोग
UP Corona Update: यूपी में 24 घंटों में करीब तीन सौ लोगों की मौत, 29,192 नए मामले आए सामने