प्रयागराज: अयोध्या में पांच अगस्त को होने वाले रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के भूमि पूजन में तीर्थराज प्रयागराज के त्रिवेणी संगम के जल का उपयोग किया जाएगा. गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम का जल लाने की ज़िम्मेदारी मंदिर आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले संगठन विश्व हिन्दू परिषद को दी गई है. वीएचपी और प्रयागराज के लोग इस गौरव से काफी खुश हैं और खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. वीएचपी के दो पदाधिकारी संगम का जल लेकर तीन अगस्त को अयोध्या जाएंगे. हालांकि पदाधिकारियों का नाम अभी तय नहीं है. विश्व हिन्दू परिषद संगम का जल अयोध्या भेजने से पहले एक कार्यक्रम करने की तैयारी में है. जल को किसी रथ पर रखकर उसे प्रयागराज में घुमाने की भी बात चल रही है, ताकि जल के साथ तीर्थराज के लोगों की भावनाएं भी राम की नगरी तक जा सकें.


वीएचपी के काशी प्रांत के गोरक्षा विभाग के प्रमुख लालमणि तिवारी के मुताबिक़ रामलला के प्रस्तावित मंदिर से परिषद -प्रयागराज और संगम तीनों का सीधा जुड़ाव है. मंदिर निर्माण के लिए सबसे बड़ा आंदोलन वीएचपी ने ही चलाया. इतना ही नहीं वीएचपी के आंदोलन का केंद्र बिंदु हमेशा प्रयागराज ही रहा है.


प्रयागराज का बड़ा महत्व


प्रयागराज में संगम के तट पर लगने वाले कुंभ और माघ मेले में होने वाली धर्म संसदों व संत सम्मेलनों में ही मंदिर को लेकर सबसे ज़्यादा फैसले हुए हैं. ऐसे में प्रयागराज और यहां के संगम के जल को वीएचपी के साथ महत्व देना सभी के लिए बेहद गौरवशाली है. उनके मुताबिक़ प्रयागराज के संगम के साथ ही कुछ दूसरी पवित्र नदियों का जल भी भूमि पूजन में इस्तेमाल किया जाएगा.


भूमि पूजन में शामिल होंगे पीएम


गौरतलब है कि अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण का भूमि पूजन पांच अगस्त को होना है. भूमि पूजन में पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कुछ ख़ास लोगों को बुलाया गया है. पूजन का कार्यक्रम काशी विद्वत परिषद के आचार्यों की देखरेख में होगा.


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