Ramcharitmanas Row: रामचरितमानस विवाद पर स्वामी प्रसाद मौर्य के बचाव में उतरीं BJP सांसद, उदाहरण देकर किया ये दावा
Ramcharitmanas Controversy: संघमित्रा ने कहा, ''पिता हैं इसलिए मैं उनका बचाव नहीं कर रही हूं, कोई व्यक्ति किसी भी बात को बोलता है तो उसकी बात को जब तक हम पूरी तरह समझ न लें, टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.''
Ramcharitmanas Row: रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर विवादित बयान के बाद चौतरफा घिरे समाजवादी पार्टी (सपा) के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) का उनकी बेटी और बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य (Sanghmitra Maurya) ने बचाव किया है. संघमित्रा का कहना है कि उनके पिता ने रामचरितमानस की जिस चौपाई का जिक्र करते हुए उसे आपत्तिजनक बताया है, उस पर विद्वानों के साथ चर्चा की जानी चाहिए.
बदायूं से बीजेपी की सांसद संघमित्रा ने अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा श्रीरामचरितमानस को लेकर की गई टिप्पणी पर उठे विवाद के बारे में पूछे जाने पर कहा, ''पिता जी ने रामचरितमानस को पढ़ा है. हालांकि मेरी इस संबंध में उनसे कोई बात नहीं हुई है, लेकिन उन्होंने अगर एक चौपाई का उदाहरण दिया है तो शायद इसलिए क्योंकि वह लाइन स्वयं भगवान राम के चरित्र के विपरीत है. जहां भगवान राम ने जाति को महत्व दिए बगैर शबरी के जूठे बेर खाये, वहीं उस चौपायी में जाति का वर्णन किया गया है.'
संघमित्रा मौर्य ने किया ये दावा
संघमित्रा मौर्य ने कहा, ''उन्होंने (स्वामी प्रसाद मौर्य) उस लाइन को संदेह की दृष्टि से उद्धत करके स्पष्टीकरण मांगा तो हमें लगता है स्पष्टीकरण होना चाहिए. यह विषय मीडिया में बैठ कर बहस करने का नहीं है. हमें लगता है कि यह विश्लेषण का विषय है. इस पर विद्वानों के साथ बैठकर चर्चा होनी चाहिए.'' बीजेपी सांसद ने कहा, ''जब हमें कोई चीज भगवान के विपरीत ही मिलती है तो हमें स्पष्टीकरण चाहिए होता है.''
Bareilly News: 'रामचरितमानस' का जिक्र कर मौलाना तौकीर रजा ने उगला जहर, पीएम मोदी को लेकर कही ये बात
संघमित्रा ने महान कवित्री महादेवी वर्मा की एक कविता में भी इस चौपाई पर सवाल उठाए जाने का दावा करते हुए कहा कि उन्होंने भी कहा था कि वह हैरान हैं कि किसी महिला ने अभी तक इस पर उंगली क्यों नहीं उठाई. उन्होंने कहा, ''वह (मौर्य) हमारे पिता हैं, इसलिए मैं उनका बचाव नहीं कर रही हूं, बल्कि मैं कह रही हूं कोई व्यक्ति किसी भी बात को बोलता है तो उसकी बात को जब तक हम पूरी तरह समझ न लें, हमें टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.''