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नोएडा: दो दिन से धरने पर बैठे सफाई कर्मचारी, कहा- मांगें नहीं मानी तो इस्लाम कबूल कर लेंगे
सफाई कर्मचारियों का कहना है कि ''अब उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी तो वह इस्लाम धर्म कबूल करने पर मजबूर हो जाएंगे.''
![नोएडा: दो दिन से धरने पर बैठे सफाई कर्मचारी, कहा- मांगें नहीं मानी तो इस्लाम कबूल कर लेंगे sanitation workers in Noida on strike, said- we will accept Islam ANN नोएडा: दो दिन से धरने पर बैठे सफाई कर्मचारी, कहा- मांगें नहीं मानी तो इस्लाम कबूल कर लेंगे](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/09/17012059/sanitation-workers-Noida.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नोएडा: नोएडा प्राधिकरण में दो दिन से धरने पर बैठे सफाई कर्मचारियों के खिलाफ नोएडा के कोतवाली सेक्टर-20 में मुकदमा दर्ज किया गया है. प्राधिकरण की तरफ से मिली शिकायत के बाद नोएडा पुलिस ने करीब एक दर्जन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस के अनुसार पिछले कई दिनों से सफाई कर्मचारियों और प्राधिकरण के अधिकारियों के बीच मीटिंग चल रही हैं. उनकी कुछ मांगों को पूरा करने की कोशिश भी की जा रही है. उसके बावजूद इस तरह का धरना प्रदर्शन हो रहा है.
बता दें कि अपनी मांगों को लेकर लगातार सड़कों पर उतरे सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि प्राधिकरण लंबे समय से उन्हें सिर्फ आश्वासन ही दे रहा है. ऐसे में पिछले 2 दिन से सफाई कर्मचारी सेक्टर छह स्थित प्राधिकरण के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं. उनका कहना है कि ''अब उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी तो वह इस्लाम धर्म कबूल करने पर मजबूर हो जाएंगे.''
पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है
हालांकि प्राधिकरण या नोएडा पुलिस की तरफ से कोई अधिकारी उनके पास बातचीत करने या या मध्यस्थता करने नहीं आया. वहीं देर रात नोएडा प्राधिकरण की शिकायत के बाद नोएडा पुलिस ने सेक्टर-20 थाने में करीब एक दर्जन सफाई कर्मचारियों पर अलग-अलग धाराओं पर मुकदमा दर्ज कर लिया है. जानकारी के अनुसार नियमों के उल्लंघन धार्मिक भावनाओं को भड़काने आदि कई धाराओं पर मुकदमा दर्ज किया है.
पुलिस का कहना है कि वह पूरे मामले की जांच कर रही है और जो भी आरोपी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर प्राधिकरण इन धरनारत कर्मचारियों की मांग पूरी कर लेता तो इन्हें सड़कों पर बैठने की क्या जरूरत थी. क्या सफाई कर्मचारियों से बातचीत करके कोई रास्ता नहीं निकाला जा सकता था. या फिर सफाई कर्मचारियों की आवाज को दबाने के लिए यह मुकदमा दर्ज कराया गया है.
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