Lucknow News: उत्तर प्रदेश के विधायक संजय प्रताप जायसवाल के खिलाफ नौकरी का लालच देकर युवती का शोषण करने और दूसरी शादी करने के आरोपों के मामले में एमपी-एमएलए अदालत ने मंगलवार को अपना निर्णय सुरक्षित रखा. अभियोजन पक्ष के अनुसार, इस मामले की प्राथमिकी पीड़िता ने हजरतगंज थाने में दर्ज कराई थी.
तैयारी करने आई थी
प्राथमिकी में कहा गया था कि वह अक्टूबर 2012 में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए लखनऊ आई थी. तभी चारबाग रेलवे स्टेशन के प्रतीक्षालय में संजय प्रताप जायसवाल, अमरजीत मिश्र व एक अन्य से उसकी मुलाकात हुई. यह भी आरोप है कि खुद को डॉक्टर बताने वाले जायसवाल ने वादी से नौकरी दिलाने के बहाने उसके सारे कागजात ले लिये.
होटल में किया दुराचार
कागजात लेने के बाद आरोपित ने कागजों पर हस्ताक्षर कराने के बहाने वाराणसी के होटल में बुलाया जहां पीड़िता के खाने में नशीला पदार्थ मिलाकर उसके साथ कथित तौर पर दुराचार करने के बाद वीडियो बना लिया. विशेष न्यायाधीश पी के राय ने पक्षकारों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है.
बीजेपी विधायक हैं
इससे पहले सरकारी वकील एस एन राय ने अभियोजन की ओर से अपनी बहस पूरी की. जायसवाल वर्तमान में बस्ती जिले की रूधौली विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं. वह पूर्व में कांग्रेस के टिकट पर भी विधायक रहे हैं.
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