मुजफ्फरनगर: केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने भैंसवाल और सोरावल की घटना के लिए अखिलेश और जंयत चौधरी को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि ये लोग मिलकर माहौल को खराब कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दिल्ली में बैठे आरएलडी के बड़े नेता (जयंत चौधरी) ने प्रकरण के चंद मिनट बाद ट्वीट कर दिया. इससे पूर्व भैंसवाल में अखिलेश यादव के इशारे पर माहौल खराब करने का प्रयास किया गया. विपक्षी मुजफ्फरनगर को आग में झोंकना चाहते हैं, लेकिन वह ऐसा नहीं होने देंगे.


बालियान ने कहा कि साल 2013 में हुए दंगों में ये लोग कहां थे. तब जनता की सुध नहीं ली और आगे भी नहीं लेंगे. लालकिले पर लाइव दिखाई देने वाले रालोद कार्यकर्ता भी मारपीट में मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि लोगों को आपस में लड़वाकर समाज को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. इस मामले की विस्तृत जांच होनी चाहिए. बालियान ने कहा, "किसान मेरा परिवार है. हमेशा परिवार के बीच रहूंगा."


धार्मिक स्थलों से एलान कर भीड़ इकठ्ठी की गई- बालियान


उन्होंने कहा, "लोकदल नेताओं की कॉल डिटेल निकाली जाए. अगर मेरी गलती निकलती है तो मैं दिल्ली चला जाऊंगा. तेरहवीं जैसे मौके पर जिंदाबाद या मुदार्बाद नहीं होना चाहिए. मैं अपने जिले के लोगों के साथ दुख-सुख में हर वक्त खड़ा हूं. ये लोग नहीं चाहते कि मैं लोगों के बीच में रहूं." मंत्री ने कहा, "धार्मिक स्थलों से एलान कर भीड़ इकठ्ठी की गई. दिल्ली हिंसा में लालकिले पर मौजूद नेता ही यहां सोरम में भी मौजूद थे."


संजीव बालियान सोमवार को गांव सोरम में एक रस्म तेरहवीं में गए थे. रालोद कार्यकर्ताओं ने पुलिस की मौजूदगी में भाजपा और केंद्रीय राज्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की थी. इससे दोनों पक्षों में मारपीट हुई थी, जिसमें चार लोग घायल हुए थे. इसके विरोध में रालोद नेताओं ने पहले सोरम की चौपाल पर पंचायत की, फिर शाहपुर थाने का घेराव कर संजीव बालियान समेत मारपीट करने वालों के खिलाफ तहरीर दी थी. डॉ. बालियान ने सोरम प्रकरण को लेकर कहा कि लोकदल की मानसिकता सही नहीं है. उन्होंने कहा कि रालोद आपस में ही लड़ाना चाहती है. "मैं जांच के लिए तैयार हूं और निष्पक्ष जांच हो. मैं घटना से बहुत दुखी हूं. समाज को कभी बंटता नहीं देख सकता."


मुजफ्फरनगर की जनता मेरा अपना परिवार है- केंद्रीय मंत्री


बालियान ने कहा, "मुजफ्फरनगर की जनता को तय करना है कि विकास चाहिए या कुछ और. मैं हमेशा मुजफ्फरनगर की जनता के बीच में रहता आया हूं और आगे भी रहूंगा. मुजफ्फरनगर की जनता मेरा अपना परिवार है. 2013 में दंगा कराने वाले लोकदल के पंचायतों में मंच पर बैठते है. भैंसवाल और सोरम में सब कुछ सुनियोजित था. सब कुछ लोकदल के नेताओं के इशारों पर सोरम में हुआ. मुझे किसी सुरक्षा की जरूरत नहीं, ना ही मुझे अपनी जान की परवाह. मेरी सुरक्षा मेरी मुजफ्फरनगर की जनता है." उन्होंने कहा, "जब से सांसद बना हूं, तब से में खाप चौधरियों के बीच 50 बार जा चुका हूं. मुझे कोई भी सलाह लेनी होती है या आशीर्वाद लेना होता है तो मैं अपने सभी खाप चौधरियों से लेने जाता हूं."


यह भी पढ़ें-


ना चालान, ना सजा, ट्रैफिक नियम तोड़ने पर यहां पुलिस ने दिया गुलाब का फूल