Swami Rambhadracharya Maharaj News: संस्कृत विद्वान पद्म विभूषण स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने अपनी उस टिप्पणी के संदर्भ में प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर एक जाति विशेष को लेकर बात कही थी. अयोध्या पहुंचे स्वामी रामभद्राचार्य न की यह प्रतिक्रिया ऐसे वक्त में आई है जब उनके बयान पर काफी विवाद मचा हुआ है.


संस्कृत विद्वान पद्म विभूषण स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि उनकी टिप्पणी जातिवादी नहीं थी. उन्होंने कहा कि वह जातिसूचक नहीं था.  


रामभद्राचार्य ने राम मंदिर के उद्घाटन और राम लला की प्राण प्रतिष्ठा में विपक्षी दलों द्वारा न आने के मुद्दे पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि यह 'राजनीति' नहीं बल्कि 'मूर्खनीति' है.


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POK के लिए कर रहे अयोध्या में यज्ञ
बता दें रामभद्राचार्य अयोध्या में एक विशेष यज्ञ कर रहे हैं ताकि भारत को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके मिल जाए. इस यज्ञ पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वापस लाने की इच्छा के लिए कल से एक 'यज्ञ' किया जा रहा है.   जब हनुमान जी सीता जी को वापस ला सकते हैं, तो वह हमारी भूमि भी वापस ला सकते हैं.


राम लला की प्राण प्रतिष्ठा पर शंकराचार्यों द्वारा उठे सवाल पर रामभद्राचार्च ने कहा कि यह (प्राण प्रतिष्ठा) शास्त्रों के अनुसार है क्योंकि 'गर्भ गृह' पूरा हो चुका है. राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' पर, मेरी वही प्रतिक्रिया है जो अयोध्या के लोगों की थी जब भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद लौटे थेय. आज मेरी खुशी की कोई सीमा नहीं है.


पीएम नरेंद्र मोदी के अनुष्ठान पर रामभद्राचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री 11 दिन का उपवास कर रहे हैं. क्या आपने कभी उनके जैसा प्रधानमंत्री देखा है.'