लखनऊ, भाषा। सपा के वरिष्ठ नेता एवं लोकसभा सांसद मोहम्मद आजम खां पर जौहर विश्वविद्यालय के लिए कथित तौर पर जमीन हड़पने का मामला मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में उठा। सपा सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।


सपा नेता एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने आरोप लगाया कि आजम के बहाने भाजपा विपक्ष, सपा, प्रदेश और देश के अल्पसंख्यकों को अपमानित करने का षडयंत्र कर रही है।


संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि कोई आदमी विश्वविद्यालय या शैक्षिक संस्थान बनाए तो उसका स्वागत है लेकिन गरीबों, लाचारों और मजदूरों की जमीन को नाजायज तरीके से उनकी बिना मर्जी के कब्जा करके किसी संस्थान का हिस्सा बनाए, ऐसे लोगों की भौतिक जगत में सराहना नहीं होती।


खन्ना ने कहा कि इस सिलसिले में जो मुकदमे कायम हुए हैं, वो न्यायिक प्रक्रिया के तहत विधि सम्मत तरीके से जांच कराने के बाद ही हुए हैं। एक प्रावधान और भी है कि अगर किसी दलित की जमीन को हम खरीदेंगे तो उसके लिए अनुमति की आवश्यकता होती है लेकिन जौहर विश्वविद्यालय के मामले में वह अनुमति नहीं ली गयी। उन्होंने कहा कि जमीन को नाजायज तरीके से लिया गया।


मंत्री के मुताबिक, किसानों ने बताया कि आजम ने जबरन जमीन का बैनामा विश्वविद्यालय के नाम कराने का दबाव बनाया। पूर्व पुलिस क्षेत्राधिकारी (नगर) आले हसन खां, जो इस समय विश्वविद्यालय के मुख्य सुरक्षा अधिकारी हैं, ने किसानों की जमीनें जबरन कब्जा कर विश्वविद्यालय के अंदर कर ली। खन्ना ने बताया कि किसानों का कहना है कि वे जब भी कब्जा मांगते हैं, डरा धमका कर भगा दिया जाता है।


उन्होंने कहा कि सपा ने प्रकरण की जांच के लिए पार्टी की जो कमेटी भेजी थी, वह आजम के काम को उचित ठहराने के लिए बनायी गयी थी। इस पर चौधरी ने कहा कि अगर हमारी कमेटी में विश्वास ना हो तो आप वहां सर्वदलीय कमेटी बनाकर भेज दीजिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार आजम के खिलाफ षडयंत्र कर उनको जेल भेजना चाहती है। हम सरकार के मंसूबे को पूरा नहीं होने देंगे। इसके बाद सपा सदस्य आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। हंगामा थमता ना देख विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी।