Sonipat Mahapanchayat: 'किसानों के सामने झुके, बेटियों के सामने भी झुकेंगे', सोनीपत महापंचायत में बोले सत्यपाल मलिक
Satyapal Malik News: सत्यपाल मलिक ने कहा कि इस सरकार को अगर इस बार नहीं हटाया गया तो ये ऐसे ही काम करके देश को कमजोर करते रहेंगे. अग्निवीर जैसी योजना लाकर फौज को कमजोर तो कर ही दिया गया.
Satyapal Malik On Wrestlers Protest: हरियाणा (Haryana) के सोनीपत (Sonipat) के मुंडलाना गांव में एक महापंचायत का आयोजन हुआ. इस महापंचायत में जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने बीजेपी (BJP) की केंद्र सरकार पर निशाना साधा. सत्यपाल मलिक ने कहा कि पुलवामा (Pulwama) में हमारे जवान शहीद हुए और उनकी लाश पर खड़े होकर इन्होंने चुनाव लड़ा, जब मैंने जहाज की कमी की बात की, प्रधानमंत्री को बताई तो मुझे चुप रहने को कहा गया. जहाज नहीं मिला और हमारे जवान शहीद हो गए.
सत्यपाल मलिक ने आगे कहा कि किसान आंदोलन जब चल रहा था चार महीने इन्होंने कोई बात नहीं की. जब मैं बात करने पहुंचा तो सरकार ने कहा कि ये लोग ऐसे ही वापस चले जाएंगे लेकिन प्रधानमंत्री को किसानों के सामने झुकना पड़ा. वैसे ही ये बेटियों के सामने भी झुकेंगे. इस सरकार को अगर इस बार नहीं हटाया गया तो ये ऐसे ही काम करके देश को कमजोर करते रहेंगे. अग्निवीर जैसी योजना लाकर फौज को कमजोर तो कर ही दिया गया.
पहले भी मोदी सरकार पर तीखा हमला बोल चुके हैं मलिक
गौरतलब है कि इससे पहले भी कई बार सत्यपाल मलिक केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोल चुके हैं, उन्होंने कुछ महीने पहले ही कहा था कि आने वाले समय में देश के हालात और खराब होंगे, क्योंकि कई लड़ाइयां आने वाली हैं और इसके लिए केवल मोदी सरकार ही जिम्मेदार होगी. मलिक ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह नहीं भूलना चाहिए कि सत्ता आती है और चली जाती है. देश को ऐसी बुरी स्थिति में मत डालो कि इसे फिर सुधारा न जा सके.
सत्यपाल मलिक ने और क्या कहा था?
मलिक ने कहा था कि आने वाले समय में देश में कई तरह की लड़ाई शुरू होने वाली है. किसान फिर से सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगे. युवा भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे. केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना सिर्फ किसान समुदाय को बर्बाद करने की साजिश है, क्योंकि किसानों के बच्चे पढ़-लिखकर सेना में अच्छे पदों पर जाते थे. वह लोग दूसरे किसानों के बच्चों को पढ़-लिखकर सेना में भर्ती होने का अवसर देते थे.