Deoria Murder Case Update: यूपी के देवरिया में फतेहपुर गांव में जमीन विवाद को लेकर हुए नरसंहार मामले में दोनों परिवारों की ओर से न्याय की गुहार लगाई जा रही है. दिल को दहला देने वाली इस घटना में सत्यप्रकाश दुबे के पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया गया था, जिसके बाद उनके जिंदा बचे बेटे देवेश लगातार सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे हैं. देवेश दुबे ने कहा कि जब तक प्रेमचंद यादव के मकान को बुलडोजर से गिराया नहीं जाएगा तब तक वो ब्रह्मभोज भी नहीं करेंगे. 


सत्यप्रकाश दुबे के बेटे ने कहा, "इस मामले में अब तक पूरे तरीके से कार्रवाई नहीं की जा रही है. इस घटना को दस दिन हो चुके हैं. अगर ऐसी घटना प्रशासन के साथ होती तो क्या वो चुप बैठते या किसी ओर के साथ होती तो क्या चुप बैठते. आज दस दिन हो गए. इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई कर देनी चाहिए, लेकिन हमें सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है कि कार्रवाई होगी. हो सकता है कि हम लोग ब्रह्मभोज करके हट जाए तो कार्रवाई रुक जाए." 


प्रेमचंद यादव का घर गिराने की मांग
देवेश दुबे ने कहा, "जिसने भी हमारे मां-बाप को, हमारे पूरे परिवार का नरसंहार किया गया है उसे फांसी हो, उनका एनकाउंटर हो. जिसने हमारे भाई और बहन को मारा है. उनका तो सबसे पहले घर ध्वस्त होना चाहिए." देवेश ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा, "जब तक प्रेमचंद यादव का घर और दूसरे आरोपियों का घर ध्वस्त नहीं हो जाता है तब तक मैं अपना ब्रह्मभोज नहीं करूंगा."  


प्रेमचंद की बेटी की भावनात्मक अपील
एक तरफ जहां देवेश प्रेमचंद यादव के घर को गिराने की मांग कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ प्रेमचंद यादव की बेटी ने भी योगी सरकार से न्याय की गुहार लगाई है और कहा कि अगर हमारा घर गिर गया तो हम कहां रहेंगे. प्रेमचंद की बेटी अंशिका यादव ने कहा, "आज मेरा जन्मदिन है और सरकार ने ये गिफ्ट दिया है कि हमें नोटिस दिया है कि मकान खाली कर दो. हम चाहते हैं कि हमारे साथ अन्याय न हो. हम योगी बाबा से चाहते हैं कि हमारा घर न गिराया जाए, अगर घर गिरा तो हम कहां रहेंगे."


दोनों तरफ से न्याय की गुहार के बीच प्रेमचंद यादव के मकान पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. राजस्व विभाग की ओर से उनके मकान की पैमाइश से लेकर सारी तैयारियां कर ली गई हैं, जिसके बाद बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर कयास लगने लगे हैं. 


क्या है पूरा मामला
बता दें कि, दो अक्टूबर की सुबह प्रेमचंद यादव जमीन विवाद में सत्यप्रकाश दुबे के घर बात करने गए थे, जिसके बाद उनकी हत्या कर दी गई थी. इस हत्या के बाद प्रेमचंद यादव के परिवार ने सत्यप्रकाश दुबे के परिवार के पांच सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया था. इस घटना पर सियासत भी की जा रही है और मामले को ब्राह्मण बनाम यादव बना दिया गया है.  


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