Saurabh Rajput Murder Case: मेरठ की सरकारी मनोचिकित्सक डॉ. विभा नागर, जो अक्सर जिला जेल में महिला कैदियों की काउंसलिंग के लिए जाती हैं, ने मुस्कान की काउंसलिंग की है. इस मामले पर एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए उन्होंने बताया कि जेल में ऐसे कैदियों के लिए सिर्फ काउंसलिंग ही नहीं, बल्कि नशा मुक्ति, योग और मेडिसिन की भी जरूरत होती है.
डॉ. विभा नागर ने कहा कि जो कैदी नशे के आदी होते हैं, खासतौर पर वे जो सूखा नशा या इंजेक्शन लेते हैं, उनके लिए लत छोड़ना आसान नहीं होता. जेल में इन्हें नशा नहीं मिल पाता, जिससे उनके व्यवहार में तेजी से बदलाव आता है. ऐसे में कई बार वे खुद को या दूसरों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं. इसलिए इनकी काउंसलिंग और निगरानी बहुत जरूरी होती है.
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मुस्कान और साहिल के लिए खास काउंसलिंग
डॉ. नागर ने बताया कि मुस्कान और साहिल जैसे कैदी बाकी कैदियों से अलग हैं. इन दोनों के लिए खास काउंसलिंग की जरूरत है. मुस्कान की अब तक करीब दो घंटे काउंसलिंग की गई है और धीरे-धीरे उसके रवैये में बदलाव देखा जा रहा है. जेल प्रशासन और विशेषज्ञों की कोशिश है कि उन्हें सही दिशा में लाया जाए.इसके लिए उन्हें किसी न किसी कार्य में व्यस्त रखना बेहद जरूरी .
'हत्या के समय दिमाग में क्या था, कहना मुश्किल'
जब डॉ. विभा नागर से पूछा गया कि हत्या के समय मुस्कान और साहिल के दिमाग में क्या चल रहा था, तो उन्होंने साफ कहा कि इसे समझना बेहद मुश्किल है. मनोविज्ञान के आधार पर कुछ बातें कही जा सकती हैं, लेकिन सटीक रूप से यह बता पाना नामुमकिन है.
'कैदियों के लिए सकारात्मक माहौल जरूरी'
उन्होंने कहा कि नशे की लत छुड़ाने के लिए पॉजिटिव माहौल जरूरी होता है. कैदियों को धीरे-धीरे इस लत से बाहर लाया जाता है. खासतौर पर जेल में बंद महिलाएं, जो किसी मानसिक दबाव में या परिस्थितियों की वजह से अपराध में शामिल होती हैं, उनके लिए खास काउंसलिंग और देखभाल की जरूरत होती है.
क्या है मामला?
मेरठ के इस हत्याकांड ने सबको चौंका दिया था. मुस्कान और साहिल पर हत्या का आरोप है. पुलिस की जांच जारी है और दोनों जेल में बंद हैं. जेल में रहते हुए उनके व्यवहार और मानसिक स्थिति को समझने के लिए सरकारी डॉ.क्टरों की टीम उनकी काउंसलिंग कर रही है. आगे की जांच में यह भी देखा जाएगा कि हत्या से पहले वे किस मानसिक स्थिति में थे और क्या वे नशे के आदी काफ़ी लंबे समय से तो नहीं है.