Sawan 2022 Special Three Shivlingas in Ancient Shiva Temple: ताले और तालीम के नाम से मशहूर जिला अलीगढ़ धार्मिक स्थलों में भी अलग महत्व रखता है. वेद पुराणों में दर्ज तीर्थ स्थलों का दर्शन करने लोग अलीगढ़ दूर-दराज से आया करते हैं. ऐसा ही एक तीर्थ स्थल विधानसभा इगलास के खेड़िया गांव में है. धार्मिक मान्यता है कि तीर्थ स्थल पर मनौती मांगने से मनोकामना पूरी होती है. बताया जाता है कार्तिकेय ने एक राक्षस ताड़कासुर का वध किया था और वध का प्रायश्चित करने के लिए एक नहीं तीन शिवलिंग स्थापित किए थे.


गांव सहारा खुर्द के शिव मंदिर में एक नहीं तीन शिवलिंग


जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर अलीगढ़-मथुरा मार्ग पर गांव सहारा खुर्द और पाताल खेडिया के बीच स्थल को गुप्त तीर्थ स्थल के नाम से पहचान मिली. यहां शिव पुत्र कार्तिकेय ने तीन शिवलिंग की स्थापना की थी. माना जाता है सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद भोलेनाथ पूरी करते हैं. पवित्र भूमि शिव भक्तों की आस्था का केंद्र है. गांव सहारा खुर्द और पाताल खेडि़या के बीच कुमारेश्वर, प्रतिज्ञेश्वर, कपालेश्वर के मंदिर दिखाई पड़ते हैं. मंदिर में दूर-दराज से शिवभक्त मन्नतें मांगने आते हैं. मंदिर संचालक मोहनगिरी महाराज बताते हैं कि भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने ताडकासुर नामक राक्षस का वध यहीं किया था.


प्रायश्चति के लिए शिव पुत्र कार्तिकेय ने कराया था निर्माण


ताडकासुर का वध करने के बाद कार्तिकेय परेशान हो गए. उन्होंने प्रायश्चति के लिए विश्वकर्मा से तीन शिवलिंगों का निर्माण कराया. कुमारेश्वर, प्रतिज्ञेश्वर, कपालेश्वर नामक तीन शिवलिंगों की स्थापना का वर्णन शिवपुराण, स्कंदपुराण, भागवत पुराण और विश्वकर्मा पुराण में मिलता है. एक श्राप के कारण स्थल को गुप्त तीर्थ स्थल का नाम दिया गया. तीनों शिवलिंग जमीन से निकले हुए हैं, इनकी कोई थाह नहीं है. प्रत्येक शिवलिंग की ऊचाई 4-5 फुट है. श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को भक्तों की लाइन लगती है.


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प्राचीन शिव मंदिर की शोहरत दूर दूर क्षेत्रों तक फैली हुई


मंदिर पर धार्मिक अनुष्ठान के साथ मेले का आयोजन होता है. पूजा-अर्चना करने के लिए दूर दराज से आए दर्शनार्थियों का तांता लगा रहता है. श्राप के कारण गुप्त तीर्थ स्थल का वर्णन पुराणों में मिलता है. शिव पुत्र कार्तिकेय के स्थापित शिवलिंगों का दर्शन करने से मन प्रसन्न हो जाता है. मान्यता है कि श्रद्धा के साथ मांगी गई हर मनोकामना भगवान भोलेनाथ पूरी करते हैं. मंदिर के संचालक मोहनगिरी महाराज ने बताया कि प्राचीन मंदिर पर सच्चे मन से की गई प्रार्थना भगवान भोलेनाथ अवश्य पूरी करते हैं. मंदिर की शोहरत दूर दराज क्षेत्रों तक फैली हुई है. 


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