Bulandshahr के महालिंगेश्वर सिद्धपीठ में है 70 फीट ऊंचा विशालतम शिवलिंग, दर्शनों के लिए दूर-दूर से आते हैं भक्त
Sawan 2022: सावन के पहले सोमवार में बुलंदशहर के द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महपीठ भारी संख्या में भक्तों की भीड़ देखने को मिली. इस मंदिर का शिवलिंग देश के विशालतम शिवलिंगों में से एक है.
Sawan 2022: सावन के महीने में शिवालयों में शिव भक्तों का तांता लगा हुआ है. ऐसी मान्यता है कि सावन का महीना भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित होता है. इस माह में भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा-आराधना करने का विधान होता है. भक्तजन खासतौर से सोमवार (Sawan Somvar) को भगवान शिव की पूजा और ध्यान करते हैं. आज सावन का पहला सोमवार है. ऐसे में हम आपको देश के सबसे विशाल शिवलिंगों में से एक बुलंदशहर (Bulandshahr) कोतवाली देहात क्षेत्र के द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महपीठ शिवलिंग के बारे में बताते हैं, जिसकी ऊचांई 70 फीट है.
देश के विशालतम शिवलिंगों में से एक
सावन का महीना भगवान भोले को सबसे ज्यादा प्रिय होता है. ऐसी मान्यता है कि इस महीने में जो भक्त शिव उपासना करता है उसकी सभी मनोकामनाएं अवश्य ही पूरी होती है. श्रावण माह में बेलपत्र, भांग और धतूरा से पूजा करना और जल चढ़ाना बहुत ही फलदायी और शुभ होता है. सावन के महीने में सोमवार व्रत और गंगा स्नान करने का महत्व होता है. बुलंदशहर के गंगेरवा गांव में स्थित द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महपीठ सावन के पहले सोमवार की जबरदस्त धूम देखने को मिल रही है. यहां का शिवलिंग देश के विशालतम शिवलिंगों में से एक है. इसकी ऊंचाई 70 फीट है.
एकसाथ 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शनों का लाभ
महालिंगेश्वर सिद्ध महपीठ में इस विशालतम शिवलिंग की भव्यता को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. माना जाता है कि इसके दर्शन मात्र से ही एक ही स्थान पर 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने का फल भक्तों को मिलता है. इस शिवालय की विशेषता ये है कि इस विशाल शिवालय के अंदर 12 ज्योतिर्लिंगों से स्पर्श कराकर लाये गए 12 ज्योतिर्लिंगो की स्थापना की गई है ताकि शिवभक्तों को एक ही जगह सभी 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन का लाभ मिल सके. इसके निर्माण के लिए देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों, नदियों, समुद्रों से जल व मिट्टी लाकर इसके निर्माण में इस्तेमाल की गई है.
दूर-दूर से यहां आते हैं भक्त
यहां पर 12 ज्योतिर्लिंगों के साथ महालिंगेश्वर भगवान, मां पार्वती, भगवान कार्तिकेय एवं गणेश की साथ कालभैरव और वीरभद्र भगवान की प्राण प्रतिष्ठा की गई है. भगवान महालिंगेश्वर की प्रसिद्धि के कारण यहां दूर दूर से भक्त आते हैं. एक ही शिवालय में 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने का उनको सौभाग्य प्राप्त होता है.
सावन के पावन महीने में यहां पर जलाभिषेक करने वाले भक्तों की लंबी कतारें लगती है.
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