Sawan 2024: भगवान शिव एक महीने ससुराल में रहेंगे विराजमान, यहीं से संभालेंगे सृष्टि का कार्यभार
Sawan 2024: आज सावन माह की शुरुआत हो गई है. धर्मनगरी हरिद्वार के शिवालयों में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा.
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Haridwar News: भगवान भोलेनाथ के खास माह सावन की शुरुआत आज से हो गई है. धर्मनगरी हरिद्वार में सावन के पहले सोमवार पर शिवालयों में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. वहीं पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम कर रखे थे. मान्यता है कि शिव को सोमवार का दिन सबसे ज्यादा प्रिय होता है इसलिए इस दिन शिव की भक्ति और उनका जलाभिषेक करने पर शिव का कृपा अपार मिलती है. यह भी माना जाता है कि शिव सावन के पूरे महीने अपनी ससुराल कनखल में ही निवास कर यही से सृष्टि का संचालन और लोगो का कल्याण करते हैं.
दक्ष प्रजापति मंदिर के प्रबंधक अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पूरी का कहना है कि सावन का महीना भगवान शिव का अति प्रिय महीना होता है. कनखल दक्ष प्रजापति महादेव की ससुराल है और दुनिया में सबसे पहला भगवान शिव का मंदिर है भगवान शिव ने राजा दक्ष को वचन दिया था कि सावन के एक महीने वह यहीं पर वास करेंगे. इसलिए भगवान शिव सावन का एक महीने दक्ष प्रजापति में ही वास करते हैं. सावन पर यहां विशेष आरती की जाती है. भगवान शिव के आगमन का स्वागत किया जाता है. भगवान शिव अपने ससुराल में एक महीने के लिए विराजमान हो गए हैं.
क्यों होता है भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक
मान्यता है कि सावन महीने में ही भगवान शिव की जटा से गंगा अवतरित हुई थी. इसलिए सावन महीने में गंगा जल, दूध, दही, शहद, भूरा, गन्ने का रस और भांग धतूरे से भगवान शिव की पूजा की जाती है. भगवान भोलेनाथ दक्ष प्रजापति मंदिर में आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं. भगवान शिव सावन के महीने में यहीं विराजमान रहते हैं. सावन के पहले सोमवार पर भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए भारी भीड़ लगी हुई है. शिव अब एक महीने तक दक्ष प्रजापति से ही सृष्टि का संचालन करेंगे. इसलिए पहले सोमवार के दिन दक्ष प्रजापति मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की कतारें लगी रहती है.
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