Sawan Mela 2024: प्रदेश में इस बार श्रावण मेला और उसमें होने वाली कावड़ यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खासे गंभीर है. इसीलिए यूपी का प्रशासनिक और सुरक्षा तंत्र दोनों हरकत में है. बैठकों के दौर के बीच यह तय हुआ है कि जहां कावड़ यात्रियों की सुविधा के लिए प्रशासनिक तंत्र व्यवस्था पर नजर रखेगा. वहीं सुरक्षा के लिए एटीएस और एसटीएफ के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम में भी तैनात रहेंगी.
 
श्रावण मेले और कावड़ यात्रा के दौरान अयोध्या में बड़ी संख्या में लोग आते हैं. इसलिए व्यवस्था से पहले सुरक्षा की बात करते हैं. अयोध्या में इस दौरान ड्रोन से लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी. इसके लिए एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा. जहां संबंधित सारे विभाग के अधिकारी मौजूद रहेंगे. जिससे आवश्यकता पड़ने पर तुरंत आवश्यक कदम उठाए जा सके. यू कहे कि सुरक्षा इतनी कड़ी होगी कि जल ,थल और नभ तीनों जगह पर सतर्क नजर रखी जाएगी. आसमान से ड्रोन लाइव फुटेज उपलब्ध कराएंगे. सीसीटीवी कैमरे हर आने जाने वाले पर निगाह रखेंगे.


मेले में ATS व एसटीएफ रहेंगे तैनात
पुलिस और पीएसी के अलावा मेले में एटीएस व एसटीएफ भी तैनात रहेगी. अब जल की बात करे तो सरयू में स्नान करते समय दुर्घटना से बचाने के लिए एनडीआरएफ एसडीआरएफ तैनात रहेगी. स्थानीय गोताखोरों को भी लगाया जाएगा इसके अलावा प्रमुख मंदिरों और स्नान घाटों के साथ प्रत्येक संवेदनशील स्थानों पर सतर्क दृष्टि रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े जवान मुस्तैद दिखाई देंगे. 


क्या बोले डीजीपी प्रशांत कुमार
प्रशांत कुमार (डीजीपी यूपी ) ने कहा कि शासन की तरफ से यही प्रयास होगा कि जितने भी श्रद्धालु आ रहे हैं. उनको हम बेहतर से बेहतर सुविधाएं मुहैया कराए. जिससे उन्हें किसी भी तरह की असुविधा न हो. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक चौकस रहे. इसके निर्देश दिए गए हैं. पर्याप्त पुलिस बल प्रत्येक धार्मिक स्थलों पर लगाया जाएगा. इसके अतिरिक्त जो कावड़ शिविर लगेंगे या जो रास्ते जिस रास्ते से श्रद्धालु आएंगे. उनके रहने इत्यादि की जगह पर सुरक्षा व्यवस्था कराई जाएगी. अयोध्या जी में विशेष व्यवस्था घाटों पर भी रहेगी. यहां के प्रमुख मंदिरों में भी रहेगी जहां पर ज्यादा भीड़ रहती है.


25 सहायता केंद्र बनाने का निर्देश
डीजीपी प्रशांत कुमार के साथ मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सावन झूला मेला और कावड़ यात्रा को लेकर अयोध्या, बस्ती और देवीपाटन मंडल के अधिकारियों के साथ एक बैठक की. इस बैठक में जो निर्देश दिए गए. उसमें प्रमुख रूप से मार्ग में गड्ढे न होने कावड़ यात्रियों और दर्शनार्थियों के कैंप हाईवे और एक्सप्रेस वे से उचित दूरी पर होने सफाई व्यवस्था श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 25 सहायता केंद्र बनाने का निर्देश दिया. साथ ही समुचित दवाओं और आक्सीजन की उपलब्धता के साथ चिकित्सा कैंप लगाने के निर्देश शामिल है. यानि सुविधा के साथ सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जा रहा है.


बैठक में सभी जिले के डीएम ऑनलाइन जुड़े
बैठक में तीन-चार मंडलों के लोग थे. यहां पर और सभी जिले के जिलाधिकारी ऑनलाइन भी जुड़े हुए थे. उनको यह बताया गया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आवश्यकता अनुसार कंपार्टमेंट रखे जाएं और कंपार्टमेंट बनाने के लिए फ्लैक्सिबल बैरियर या सड़क पर जो बैरियर है. उनका ट्रायल दिया जाए. उन्हें यह भी बताया गया कि दो लेवल के व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाए. एक सीनियर ऑफिसर एक जूनियर ऑफिसर और आसपास के जिले में रहने वाले एक दूसरे से उसके माध्यम से संपर्क में रहे. ताकि अगर यहां पर ज्यादा क्राउड है तो बाहर से जो आ रहे समय से ही रेगुलेट कर सके.


SDRF व गोताखोरों की टीम हमेशा रहेगी तैनात 
स्थानीय प्रशासन को बताया गया कि श्रद्धालु जो बाहर से आ रहे हैं. वो ट्रैक्टर ट्राली से ज्यादा लोग आते हैं तो उनको जितना नजदीक हो पार्किंग कराए. ऐसा ना हो की 5 किलोमीटर 10 किलोमीटर दूर पार्किंग कर दे. जिससे उन्हें मंदिर तक पहुंचने में दिक्कत होगी. इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि नदी में जो जो बैरिकेड जगह है. जो फ्लोटिंग जनरेट जगह है वहीं पर स्नान करे लोग. इस बात के लिए भी लोगों को लगातार सिस्टम द्वारा अपडेट किया जाए रहा है. एसडीआरएफ और गोताखोरों की टीम हमेशा तैनात रहेगी. इस तरह से अच्छे इंतजाम हो इसके लिए निर्देश प्रशासन को दिए गए हैं.


ये भी पढ़ें: Azam Khan News: आजम खान के रिसॉर्ट पर JCB चली, सरकारी जमीन पर किया था अवैध कब्जा