वाराणसी, एबीपी गंगा। आज सावन का आखिरी सोमवार है और भोले दरबार में भक्तों का हुजूम उमड़ा हुआ है। हाथों में जल का कमंडल लेकर बाबा के दरबार के बाहर भक्त हजारी लगाए खड़ें हुए हैं और मोक्ष का आशीर्वाद मांग रहे हैं। कुछ ऐसा भक्तिमय नजारा आज काशी विश्वनाथ मंदिर में दिखाई दिया।



..क्यों खास है सावन का अंतिम सोमवार


कहते हैं कि सावन माह महादेव का अत्यंत प्रिय माह है और प्रत्येक सोमवार भोले के विशेष आशीर्वाद को प्राप्त करने का मौका होता है। चार सोमवार अलग-अलग दिन धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की कामना को पूरा करते हैं। इसके साथ ही, अंतिम सोमवार के दर्शन से पूरे सावन माह के दर्शन का पुण्य प्राप्त होता है।


..सावन के चौथे सोमवार को भी लगा है प्रदोष


सावन के चौथे सोमवार को प्रदोष लगा है। प्रदोष तिथि भगवान शिव की तिथि मानी जाती है और सोमवार भगवान शिव का दिन होता है और सावन माह भगवान शिव का माह है, ऐसा त्रिकोणीय संयोग वर्षों के बाद बना है। अब चूंकि चौथा सोमवार पूरे श्रावण मास का फल देने वाला होता है, इसलिए भक्त मोक्ष की कामना से महादेव के द्वार पर हैं। बताते चलें कि दूसरे सोमवार को भी प्रदोष लगा था और चौथे सोमवार को प्रदोष लगा है लिहाजा इस बार के सावन की महत्ता खास हो जाती है।



..बाबा विश्वनाथ के दर्शन का खास महत्व


बाबा विश्वनाथ का ज्योतिर्लिंग बारह ज्योतिर्लिंगों में अहम स्थान रखता है कहते हैं। काशी में तो भगवान भोलेनाथ पूरे श्रावण कैलाश छोड़कर माता पराम्बा के साथ यहां वास करते हैं। लिहाजा भोले दरबार में पूरे सावन भक्तों का जमघट लगा होता है।


..भोले दरबार में सुरक्षा के कड़े इंतेजाम


बाबा विश्वनाथ के दर्शन को आने वाले भक्तों की सुविधा और सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम किये गए हैं। एक किलोमीटर पहले से बैरिकेडिंग की गई है। इसके साथ ही 5 एडिशनल एसपी, 11 डिप्टी एसपी, 167 एसआई, 761कांस्टेबल, 187 महिला कांस्टेबल, 5 एंटी सेबोटाज, बीडीएस टीम और एनडीआरफ की चार टीम तैनात की गई हैं। इसके साथ ही जल पुलिस की 3 टीम, 2 फ्लड टीम, आईटीबीपी की 2 टीम, पीएसी की तैनाती की गई है। सुरक्षा की तीसरी आंख सीसीटीवी लगाए गए हैं और ड्रोन से भी सुरक्षा की चौकसी पर नजर रखी जा रही है।