Agra News: दुनिया की बेहद की खूबसूरत इमारत ताजमहल अक्सर कर विवादों में रहता है. इस संगमरमरी हुस्न की इमारत को लेकर अनेकों प्रकार के दावे किया जाते रहे है. दावा किया जा रहा है कि ताजमहल , ताजमहल नहीं बल्कि तेजोमहालय है यानी कि शिव मंदिर है और श्रावण मास चल रहा है तो हिंदूवादी नेता ने ताजमहल का जलाभिषेक और पूजा करने की अनुमति मांगी है. इससे पूर्व में भी कई बार ताजमहल का जलाभिषेक करने की मांगी की जा चुकी है.


अब हिंदूवादी नेता अजय तोमर ने आगरा न्यायालय में याचिका दाखिल की है और मांग है कि जो वर्तमान में ताजमहल नाम की इमारत है तो तेजोमहालय शिव मंदिर है और इस श्रावण मास में हमें जलाभिषेक पूजा करने की अनुमति दी जाए , कोर्ट दाखिल याचिका को स्वीकार कर लिया है और उस पर सुनवाई होगी. ताजमहल/तेजोमहालय में सावन के महीने में जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक की मांग को लेकर याचिका दायर की गई है. आगरा कोर्ट ने दाखिल याचिका को स्वीकार कर लिया कर है.


हिंदूवादी नेताओं ने कोर्ट में दायर की याचिका
योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष अजय तोमर ने अपने अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर के द्वारा याचिका दायर की है. लघुवाद न्यायाधीश मृत्युंजय श्रीवास्तव की अदालत में सुनवाई याचिका पर सुनवाई हुई. याचिका में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ राजकुमार पटेल को प्रतिवादी बनाया गया है. न्यायालय में सुनवाई के बाद न्यायाधीश मृत्युंजय श्रीवास्तव ने प्रतिवादी एएसआई अधीक्षण पुरातत्वविद को सम्मान और नोटिस जारी करने के आदेश दिए है. 


हमारा शिव मंदिर आज भी सुरक्षित
दावा किया गया है कि ताजमहल तेजोमहालय शिव मंदिर है. जिसे 1212 में राजा पर्मादिदेव द्वारा बनवाया गया था. उनके बाद राजा मानसिंह ने इसे अपना महल बनाया और मंदिर को सुरक्षित रखा. बाद में मुगल का शासन शाहजहां ने राजा मानसिंह से ताजमहल तेजोमहालय को हड़प लिया और इसे ताजमहल बना दिया. जबकि हमारा शिव मंदिर आज भी सुरक्षित है और हमें पूजा की अनुमति दी जानी चाहिए. 


क्या बोले अधिवक्ता शिव आधार सिंह
आगरा न्यायालय में याचिकाकर्ता हिंदूवादी नेता अजय तोमर के अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने बताया कि तेजोमहालय हिंदू शिव मंदिर है. जहां सावन के महीने में जलाभिषेक होना चाहिए. पूर्व में भी शिवरात्रि को लेकर 4 मार्च 2024 को वाद दायर किया गया था. जिसे न्यायालय द्वारा धारा 80 सीपीसी की छूट न देते हुए खारिज कर दिया था. बाद में 26 अप्रैल 2024 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल को धारा 80 सीपीसी का नोटिस भेजा गया था. जिसका जवाब न आने पर जिसकी पुनः जलाभिषेक की मांग को लेकर याचिका दायर की गई. हमारी मांग है कि हमें तेजोमहालय में जलाभिषेक करने की अनुमति दी जाए.


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