UP Politics: 'समाजवादी पार्टी गुंडों की सरकार कही जाती थी', ओम प्रकाश राजभर का सपा पर हमला
UP News: सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने कहा कि अभी चुनाव दूर हैं, प्रदेश में अंदरखाने विपक्षी गठजोड़ लग रहा है. सभी विपक्ष के लोग डरे हुए हैं, चाहे किसी भी स्टेट के हो.
Lucknow News: सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने कहा कि डिप्टी सीएम, सीएम के मुकदमे तो वापस हुए हैं यह जगजाहिर है, सदन में बोल देना अलग बात है बल्कि इसको संज्ञान में लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो आपराधिक मुकदमे सरकार ने वापस किए हैं उसको फिर से रिओपन किया जाए. नेताओं पर आंदोलन के मुकदमे है आपराधिक नहीं हैं. मैं 6 साल से देख रहा हूं सदन में बराबर यह बात आती है कि जब पार्टियां सत्ता में रहती है तो झूठ बोलती हैं और जब विपक्ष में होती हैं तब सच बोलती है. हम भी जानते हैं कि मुकदमे वापस हुए हैं.
बुलडोजर की करवाई पर सवाल उठाने को लेकर ओपी राजभर ने कहा कि विपक्षी सवाल किस बात को लेकर उठा रहे हैं. अगर अपराधी ने अपराध किया है और वह भाग रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो रही है, तो क्या बुरा है, कार्रवाई होनी चाहिए. हां यह जरूर है कि सरकारों का अलग-अलग काम करने का तरीका है. यह सरकार बुलडोजर की सरकार कही जाती है समाजवादी पार्टी गुंडों की सरकार कही जाती थी. हमको तो मायावती की सरकार लॉ एंड ऑर्डर की सरकार पसंद है. पहली बार जब मायावती मुख्यमंत्री बनी और जो साढ़े 4 साल का कार्यकाल था वो बहुत पसंद आया.
'सभी विपक्ष के लोग डरे हुए हैं'
सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर ने कहा कि अभी चुनाव दूर हैं, प्रदेश में अंदरखाने विपक्षी गठजोड़ लग रहा है. सभी विपक्ष के लोग डरे हुए हैं, चाहे किसी भी स्टेट के हो. कोई ईडी से डर रहा है तो कोई सीबीआई से डर रहा है इसलिए कोई मुखर होकर सामने नहीं आ पा रहा है. जिसका नतीजा यह है कि लोग भीतर ही भीतर खिचड़ी पका रहे हैं. जब तक कि खिचड़ी पक ना जाए तब तक ओमप्रकाश राजभर कैसे कह दे कि हम किधर हैं.
नॉर्थ ईस्ट के नतीजों पर ओपी राजभर ने कहा कि जिन राज्यों में लंबे समय तक सरकारें चल जाती हैं तो जनता का स्वाद बदल जाता है. वह दूसरी सरकार से स्वाद चाहते हैं और विकास चाहते हैं जैसे हम यूपी की बात करें तो लंबे समय तक कांग्रेस की सरकार थी. उत्तर प्रदेश की जनता ने स्वाद बदलने का सोचा तो 19 साल लगातार सपा और बसपा का स्वाद चखा. फिर जनता इनसे ऊबकर बीजेपी के साथ खड़ी हो गई तो बीजेपी का स्वाद चख रही. जनता कब क्या मूड बना दे वही मालिक है. बाबा साहेब अंबेडकर ने जनता को नेता बनाने की पावर दी है, यह तो जनता का ही फैसला है कि कब किसके पक्ष में क्या आ जाए.
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