UP Politics: सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर पार्टी के संगठन की समीक्षा बैठक के लिए अंबेडकर नगर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी, बसपा और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा, हालांकि इस दौरान वह बीजेपी पर कुछ भी बोलने से बचते हुए दिखाई पड़े. ओम प्रकाश राजभर ने कुशीनगर उनके बेटे अरविंद राजभर पर हुए हमले के लिए सपा नेता और वहां के स्थानीय इंस्पेक्टर को जिम्मेदार ठहराया. 


ओम प्रकाश राजभर ने सपा पर मुसलमानों को ठगने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में 4 बार उनकी सरकार मुसलमानों के वोटों के सहारे बनी लेकिन नौकरियों में उनकी संख्या घटती चली गई. इस दौरान उन्होंने बीएसपी सुप्रीमो मायावती और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को एक हो जाने की सलाह दे डाली. ओमप्रकाश राजभर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कुशीनगर पडरौना में उनके बेटे अरविंद राजभर पर हमले के लिए, वहां के इंस्पेक्टर दोषी है. उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि इंस्पेक्टर ने हत्या के मुख्य आरोपी का नाम निकाल दिया.


गुंडे को बचाने के लिए सभी सपाई एक हो हैं गए


कुशीनगर सपा नेताओं पर ओम प्रकाश राजभर ने आरोप लगाते हुए कहा कि, सपा के गुंडे को बचाने के लिए सभी सपाई एक हो गए है. सपा की सरकार गुंडों की सरकार के नाम से जानी जाती थी. जातिगत जनगणना पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना की घोषणा करते हुए बजट भी एलाट कर दिया. राजभर ने कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस की सरकारों को ये सुधि क्यों नहीं आई? अब ये सवाल किससे पूछा जाएगा. उन्होंने कहा कि यदि ये कहते कि बीजेपी और कांग्रेस ने मिलकर दलित और पिछड़ों का हिस्सा लूटा, तो दलित हितैषी मायावती और पिछड़ों के हितैषी अखिलेश यादव दोनों एक क्यों नही हो जाते?


ओपी राजभर ने अखिलेश यावद पर लगाए ये आरोपी


हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए ओपी राजभर ने कहा कि 2013 में हाईकोर्ट ने 27 फीसदी आरक्षण को सभी पिछड़ी जातियों में बांटने और एक समान शिक्षा लागू करने का आदेश प्रदेश सरकार को दिया था. आज दलितों और पिछड़ों के हितैषी बनने वाले अखिलेश यादव ने इसे क्यों नहीं लागू कर दिया. उन्होंने कहा सपा ने मुसलमानों के साथ भी ठगी किया है और 4 बार मुसलमानों का वोट लेकर सरकार बनाई, लेकिन डिप्टी सीएम किसी मुसलमान को बनाने के बारे में नहीं सोचा.


मुसलमान नौकरी में सिर्फ एक फीसद- ओपी राजभर


ओपी राजभर ने कहा कि आजादी के समय नौकरियों में मुसलमानों की हिस्सेदारी 38 फीसदी थी, कांग्रेस, बीएसपी और सपा ने इतना विकास किया कि ये अब एक फीसदी पर आ गए हैं. बीजेपी के साथ गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी किसी के साथ नहीं जा रहा हूं. इसके लिए एक डेट घोषित कर दी है. 7 अक्टूबर को पटना में वंचित शोषित जनजागरण रैली के बाद तय किया जाएगा कि किसके साथ जाना है.


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